लखनऊ । साइबर क्राइम सेल व थाना विभूतिखण्ड की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा प्रापर्टी डीलिंग का आॅफिस खोलकर सेना व पुलिसकर्मियों को अच्छी लोकेशन पर रियायती दरों में प्लॉट दिखाकर एडवांस बुकिंग कराने के नाम पर करीब एक करोड़ रुपये की ठगी करने वाला एक शातिर अभियुक्त गिरफ्तार । जिसका नाम अमित मौर्या पुत्र बच्ची लाल निवासी निखोडा कुमिहांवा जनपद कौशाबी है। इस तरह का काम राजधानी लखनऊ के अंदर खुलेआम किया जा रहा था और किसी को इनके बारे में भनक तक नहीं लगी। जब शिकायत हुई तब पुलिस ने सक्रीयता दिखाई तो सच निकलकर आया सामने।

प्रापर्टी डीलिंग का आॅफिस खोलकर कर रहा था काम

प्रभारी निरीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि कई लोगों ने अपने साथ हुई ठगी के सम्बन्ध में थाना विभूतिखण्ड में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था एवं जिसकी सूचना विवेचक द्वारा साइबर क्राइम सेल, पुलिस कमिश्नरेट को दी गयी। पीड़ितों द्वारा तहरीर में बताया गया कि वर्ष 2022 में वादी व अन्य उपरोक्त लोगों द्वारा अवगत कराया गया कि वह लोग जमीन की तलाश कर रहे थे कि अमित मौर्या द्वारा उन लोगों को लू-लू मॉल के सामने, मेदान्ता हॉस्पिटल के पीछे आदि पॉश एरिया में प्लॉट दिखाये गये व भोले-भाले लोगों को विश्वास में लेकर एडवांस बुकिंग के नाम पर लगभग एक करोड़ की ठगी करके अपना आॅफिस व मोबाइल नम्बर बन्द करके फरार हो गया था।

दिखावा करने के लिए आॅफिस में वाउन्सर व लक्जरी गाड़ियां रखा था

जिसकी सूचना साइबर क्राइम सेल में प्राप्त होने के उपरान्त, साइबर क्राइम सेल द्वारा तकनीकी विश्लेषण एवं सर्विलांस की मदद से विवेचक के साथ अथक परिश्रम के उपरान्त एक नफर शातिर अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त से पूछताछ का विवरण गिरफ्तार अभियुक्त से उक्त प्रकरण के सम्बन्ध में पूछताछ की गयी तो अभियुक्त द्वारा बताया गया कि मेरे द्वारा प्रापर्टी डीलिंग में अच्छे प्रॉफिट को देखते हुये शिवांगी टॉवर विभूतिखण्ड में आॅफिस खोला गया था तथा दिखावे के लिये मैनें अपने साथ वाउन्सर व अच्छी गाड़ियों को रखा था, जिससे कि लोग आसानी मुझ पर विश्वास कर सकें।

जवानों व पुलिस कर्मियों को प्लाट दिखाकर जमा करा लेता था एडवांस

मेरे द्वारा मुख्य रूप से सेना के जवानों को टारगेट कर प्रापर्टी दिखायी जाती थी, क्योंकि सेना के जवान व पुलिस कर्मी अच्छी लोकेशन देखकर जल्दी ही विश्वास कर लेते हैं, जिसका लाभ उठाकर मैने दूसरे बिल्डरों के द्वारा की गयी प्लॉटिंग को अपनी प्लॉटिंग बताते हुये रियायती दर पर अच्छी-अच्छी लोकेशन पर प्लॉट दिखाता था, लोगों को जो भी लोकेशन पसन्द आती थी, मैं उसमें एडवांस बुकिंग के नाम पर उन लोगों को विश्वास में लेकर रुपये ले लेता था। जब मेरे पास काफी ज्यादा रुपये इकट्ठे हो गये तब मैं अपना आॅफिस व मोबाइल नम्बर बन्द करके फरार हो गया। जब मुझे पता चला कि मेरे विरुद्ध मुकदमा लिखा गया है तब अपने साथियों व घरवालों से भी सम्पर्क तोड़ दिया। और छुप-छुपकर रहने लगा।


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