एसएमयूपीन्यूज, लखनऊ।बैकुंठ धाम श्मशान घाट पर सोमवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब अंतिम संस्कार की तैयारी के बीच एक शव पर अचानक 100 साल पुराना पेड़ गिर पड़ा। अंतिम संस्कार के लिए लाई गई महिला के शव पर विशाल पेड़ गिरने से परिजन स्तब्ध रह गए। गनीमत रही कि इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ।घटना बैकुंठ धाम स्थित पार्क में हुई, जहां बालक खीरा प्रजाति का एक विशाल वृक्ष तेज आवाज के साथ धराशायी हो गया। पेड़ की चपेट में नीलू कनौजिया का शव आ गया, जिसे परिजनों और कर्मचारियों ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत निकाल लिया।
दो मंजिला इमारत से गिरकर हुई थी मौत
मृतका की पहचान वन विभाग में तैनात नीलू कनौजिया के रूप में हुई है। उनके भाई संजीव कुमार ने बताया कि रविवार को नीलू एक दो मंजिला इमारत से गिर गई थीं, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां एक घंटे बाद उनकी मृत्यु हो गई।सोमवार को पोस्टमॉर्टम के बाद शव अंतिम संस्कार के लिए लाया गया था। जैसे ही अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही थीं, अचानक पुराना पेड़ गिरा और नीलू का शव उसकी चपेट में आ गया।
बाउंड्री वॉल भी टूटी, निगम की टीम पहुंची मौके पर
बैकुंठ धाम कर्मचारी कोहली के मुताबिक, पेड़ गिरने की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। शव को तुरंत पेड़ के नीचे से सुरक्षित निकाल लिया गया, और किसी अन्य को कोई नुकसान नहीं हुआ।नगर निगम कर्मचारी जावेद ने बताया कि उन्हें घटना की सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची। यह पेड़ लगभग 100 वर्ष पुराना था और भारी था, जिससे श्मशान की बाउंड्री वॉल भी टूट गई। जब तक टीम पहुंची, तब तक शव निकाल लिया गया था।
एक पल के लिए सबको हैरान कर दिया
अंतिम संस्कार से पहले बैकुंठ धाम में गिरी कुदरत की गाज ने एक पल के लिए सबको हैरान कर दिया। सौभाग्यवश हादसे में कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन यह घटना नगर निगम को पुराने और कमजोर हो चुके पेड़ों की समय पर छंटाई की जिम्मेदारी की ओर भी इशारा करती है।
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