लखनऊ। एसटीएफ उत्तर प्रदेश को भारत सरकार द्वारा गरीब जनता के हित में चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवास दिलाने के लिए डूडा आफिस लखनऊ का अधिकारी बन कालकर, वाट्सएप काल के माध्यम से उनके अभिलेख मंगाकर सैकड़ों लोगों से ठगी करने वाले संगठित गिरोह के दो अभियुक्तों को कानपुर नगर से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।

गिरफ्तार अभियुक्त का नाम प्रदीप सिंह उर्फ काला पुत्र विनोद सिंह निवासी राम नगर थाना रेउना जनपद कानपुर नगर, सनी सिंह पुत्र जगदीश सिंह निवासी राम नगर थाना रेउना जनपद कानपुर नगर है। इनके कब्जे से दो मोबाइल फोन, दो कूटरचित वोटर आईडी, दो मोटरसाइकिल, 2,650 रुपये बरामद किया है।

एसटीएफ को काफी दिनों से थी इनकी तलाश

एसटीएफ उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से भारत सरकार द्वारा गरीब जनता के हित में चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिलाने के नाम पर डूडा अधिकारी बनकर ठगी करने वाले संगठित गिरोहों के सक्रिय होने की सूचनाएं प्राप्त हो रही थी।

इस सम्बन्ध में एसटीएफ यूपी की विभिन्न टीमाें/इकाईयों को आवश्यक कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया था। जिसके क्रम में विशाल विक्रम सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ, यूपी के पर्यवेक्षण मे एसटीएफ मुख्यालय स्थित साइबर टीम द्वारा निरीक्षक संजय कुमार सिंह नेतृत्व में अभिसूचना संकलन की कार्रवाई प्रारम्भ की गयी तथा अभिसचूना तन्त्र को सक्रिय किया गया।

दो अभियुक्तों को कानपुर से किया गिरफ्तार

एसटीएफ टीम द्वारा उपरोक्त प्रकरण में तकनीकी विशेषज्ञता एवं मुखबिर के माध्यम से सूचना संकलित करते हुए शुक्रवार को समय करीब 7ः30 बजे उपरोक्त संगठित गिरोह के दो अभियुक्तों को थाना क्षेत्र रेउना कानपुर नगर से गिरफ्तार किया गया, जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुई। पूछताछ पर अभियुक्तों ने बताया कि उनका एक संगठित गिरोह है। यह लोग आम आदमी की कूटरचित आईडी बनाकर सिम कार्ड खरीदते है।

भारत सरकार द्वारा गरीब जनता के हित में चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवास दिलाने के लिए डूडा आफिस लखनऊ का अधिकारी बनकर उन्ही मोबाइल नम्बरों से सीरियल नम्बरों पर काल करके लोगों को अपने जाल में फंसाकर, वाट्सएप के माध्यम से उनके अभिलेख मंगाते हैं।

बैंक मैनेजर बनकर लगाते थे चूना

गैंग की महिलाओं के माध्यम से उन लोगों की आईडी पर नया बैंक खाता खुलवा लेते है। उन बैंक खातों में एसएमएस एलर्ट मोबाइल नम्बर के रूप में अपना मोबाइल नम्बर डलवा देते है व उसी एसएमएस एलर्ट नम्बर से यूपीआई आईडी बना लेते है। इसके बाद प्रधानमंत्री आवास दिलाने के लिए लोगों से क्रमश: रजिस्ट्रेशन के नाम पर, इसके बाद बैंक मैनेजर बनकर फाइल चार्ज के रूप में, फिर बैंक खाते में लो बैलेंस होने की बात कहकर लो बैलेंस मेन्टीनेंस चार्ज के रूप में रूपये फर्जी बैंक खातों में धोखे से डलवा लेते है।

इन तरह से लोगों से करते थे ठगी

यदि ठगी का शिकार हुए व्यक्ति को शक होने पर वह अपना पैसा वापस मांगता है तो उसको बताते है कि आपकी फाइल का जो खर्च आया है वह जमा कर दो तो आपका पैसा वापस कर दिया जायेगा। इसी तरह कई प्रकार के बहाने बताकर ठगी करते है। दिन भर में 4 से 6 लोगों को झांसा देकर 50 से 60 हजार रूपये तक की ठगी कर लेते है।

यह लोग लगभग 20 बैंक खातों में ठगी का पैसा मंगाते है, जिसको यूपीआई व एटीएम के माध्यम से तत्काल निकाल लेते है।गिरफ्तार अभियुक्तों को थाना रेउना, कमिश्नेटर कानपुर नगर में मुकदमा डी सूचना प्रद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम-2008 का अभियोग पंजीकृत कराकर दाखिल किया गया है, अग्रिम वैधानिक कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है

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