लखनऊ । यूपी में इंडिया गठबंधन टूटने के कगार पर पहुंच गया है। चूंकि वर्तमान हालात कुछ ऐसे बता रहे है। अभी तक भारत जोड़ो न्याय यात्रा में सपा मुखिया अखिलेश यादव का शामिल न होना और लगातार यूपी की महत्वपूर्ण सीटों पर उम्मीदवारों की सूची जारी करना कुछ ऐसा ही इशारा कर रहा है।मंगलवार को सपा ने एक बार फिर पांच प्रत्याशियों की सूची जारी किया है। जिसमें सबसे प्रमुख सीट बदायूं से अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव को उम्मीदवार बनाया है। जबकि इस सीट पर लंबे समय तक अखिलेश यादव के चचेरे भाई धमेंद्र यादव चुनाव लड़ते आ रहे है। अखिलेश यादव ने धर्मेन्द्र यादव को आजमगढ़ लोकसभा सीट का प्रभारी बनाया है।

वाराणसी में सुरेंद्र पटेल को सपा ने दिया टिकट

जानकारी के लिए बता दें कि आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर समाजावारी पार्टी ने यूपी की पांच और सीटों पर उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। सूची में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव को बदायूं से उम्मीदवार घोषित किया है। इससे पहले यहां से अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं पार्टी ने वाराणसी से सुरेंद्र सिंह पटेल को टिकट दिया है, जबकि इस सीट पर मौजूदा सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। अगर प्रधानमंत्री इसी सीट से एक बार फिर चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें यहां सुरेंद्र सिंह पटेल टक्कर देते हुए नजर आएंगे।

दूसरी सूची में इन्हें दिया गया टिकट


सपा ने अपनी दूसरी सूची में मुज्जफनगर से हरेंद्र मिलक,आंवला से नीरज मौर्य,शाहजहांपुर से राजेश कश्यप,हरदोई से उषा वर्मा,मिश्रिख से रामपाल राजवंशी,मोहनलालगंज से आरके चौधरी,प्रतापगढ़ से डॉ. एसपी सिंह पटेल,बहराइच से रमेश गौतम, गोंडा से श्रेया वर्मा, गाजीपुर से अफजाल अंसारी ,चंदौली से वीरेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया है। दूसरी सूची में अफजाल अंसारी को लोकसभा का टिकट दिये जाने की वजह से सबसे ज्यादा चर्चा रही। चूंकि अफजात अंसारी माफिया मुख्तार अंसारी के भाई है।

सपा ने अब तक कुल 31 उम्मीदवारों की सूची जारी की

इसी प्रकार से सपा ने कैराना से इकरा हसन,बदायूं से शिवपाल यादव, हमीरपुर से अजेंद्र सिंह राजपूत, वाराणसी से सुरेंद्र सिंह पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है। सपा की पहली लोकसभा उम्मीदवारों की सूची 30 जनवरी को सामने आई थी। जिसमें 16 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई थी। इसके बाद 19 फरवरी को दूसरी और 20 फरवरी को तीसरी सूची जारी की। सपा ने अब तक यूपी की 80 लोकसभा सीट पर 31 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। तीसरी सूची जारी होने के बाद शिवपाल यादव के नाम को लेकर चर्चा जोरों पर है।

धमेंद्र यादव को आजमगढ़ लोकसभा सीट का बनाया प्रभारी

अखिलेश यादव ने धर्मेन्द्र यादव को आजमगढ़ लोकसभा सीट का प्रभारी बनाया है। इसी तरह अमरोहा महबूब अली और बागपत में मनोज चौधरी को लोकसभा प्रभारी की जिम्मेदारी दी है। प्रदेश की इत्र नगरी कन्नौज लोकसभा सीट रामअवतार सैनी को लोकसभा प्रभारी की अहम दायित्व सौंपा गया है।इसी प्रकार लोकसभा चुनाव तैयारियों के बीच में राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के तमिलनाडु इकाई के लिए बड़ा निर्णय लिया है। सपा अध्यक्ष के निर्देश पर आज तमिलनाडु के प्रदेश अध्यक्ष सहित पूरी की पूरी इकाई को तत्काल भंग कर दिया गया है। इसके पीछे विपक्षी गठबंधन में लगातार बढ़ती नाराजगी और सियासी असंतुष्टता है।

पहली सूची में इन्हें बनाया गया है उम्मीदवार


संभल से शफीकुर्रहमान बर्क ,फिरोजाबाद से अक्षय यादव ,मैनपुरी से डिम्पल यादव ,एटा से देवेश शाक्य,बदायूं से धर्मेंद्र यादव ,खीरी से उत्कर्ष वर्मा ,धौरहरा से आनन्द भदौरिया ,उन्नाव से अनु टंडन ,लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा ,फर्रुखाबाद से डॉ. नवल किशोर शाक्य ,अकबरपुर से राजाराम पाल ,बांदा से शिवशंकर सिंह पटेल,फैजाबाद से अवधेश प्रसाद,अम्बेडकर नगर से लालजी वर्मा ,बस्ती से रामप्रसाद चौधरी ,गोरखपुर से काजल निषाद  को उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा भी जल्द इन सीटों पर घोषित कर सकती है प्रत्याशियों की सूची

भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्ष के कब्जे वाली 14 सीटों पर पहले प्रत्याशी घोषित कर सकती है। पार्टी के चुनाव प्रभारी बैजयंत पांडा के साथ हुई भाजपा के शीर्ष पदाधिकारियों की बैठक में इस पर मंथन किया गया। पार्टी ने बसपा के कब्जे वाली गाजीपुर, घोसी, नगीना, सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, श्रावस्ती, अंबेडकरनगर, लालगंज, जौनपुर, सपा की मैनपुरी, मुरादाबाद, संभल और कांग्रेस की रायबरेली सीट पर गत दिनों मंत्रियों और पदाधिकारियों को सर्वे के लिए भेजा था। उन्होंने जीत के लिए आवश्यक समीकरण और मौजूदा स्थिति पर रिपोर्ट दी है।

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