लखनऊ । साइबर ठग आनलाइन ठगी करने के लिए अब नये -नये तरीक अपना रहे है। साइबर ठग के फेंके जाल में पढ़े लिखे लोग आसानी से फंसकर अपना बैंक बैलेंस खाली कर दे रहे है। कुछ ऐसा ही एक मामला लखनऊ में आया है। एक रिटायर्ड आईईएस इनकी जाल में फंसकर 83 लाख रुपये गवां बैठा। यह सारा खेले टेलीग्राम के माध्यम से किया गया।

मामला दर्ज होने के बाद साइबर क्राइम ने काफी प्रयास के बाद साइबर क्राइम विभाग ने इस तरह की ठगी करने वाले गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें हैरानी करने वाली बात यह है कि गिरफ्तार नाईजीरियन निकला।

दिल्ली में बैठक कर साइबर ठगी का चला रहा था गैंग

डीसीपी मध्य रवीना त्यागी ने बताया कि एबॉट फार्मास्युटिकल लिमिटेड यूनाइटेड किंगडम कंपनी की फ्रेन्चाईची रजिस्ट्रेशन व डीलरशिप उपलब्ध कराने के नाम पर टेलीग्राम से 83 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले साइबर अपराधी का पर्दाफाश साइबर क्राइम थाना द्वारा किया गया है।

गिरफ्तार अभियुक्त का नाम लवसन इमेसोवम चिनागोरोम मैक्सवेल पुत्र मैक्सवेल इमेसोवम निवासी 113 बी ‘टेलीलो रोड ओवेर्री आईएमओ स्टेट नाइजीरिया हालपता – हालपता – आरजेड-124 एक तीसरा फ्लोर गली नंवर चार वैशाली कालोनी दिल्ली है। पूछताछ करने पर पता चला कि यह गैंग का सरगना है और नाइजीरिया का निकला, जो दिल्ली में रहकर संभ्रांत लोगों को ठगने का काम कर रहा था।

नाइजीनियर गैंग द्वारा की जा रही ठगी का साइबर क्राइम ने किया पर्दाफाश

डीसीपी ने बताया कि 22 जनवरी को रिटायर्ड आईईएस द्वारा सूचना दी गयी कि साइबर अपराधी द्वारा इंस्टाग्राम,व्हाटसअप,मेल आईडी के माध्यम से एबॉट फार्मास्युटिकल लिमिटेड का अधिकृत अधिकारी बताते हुये कम्पनी की रॉ मेटेरियल सप्लायर के लिए रजिश्ट्रेशन कराने व कम्पनी को रॉ मेटेरियल को सप्लाई के नाम पर शिकायतकर्ता द्वारा कुल 83 लाख रूपये की ठगी करने सम्बन्धी शिकायत दी गयी।

जिस पर थाना साइबर क्राइम ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी | जांच के दौरान इसमें एक नाइजीरियन गैंग का नाम सामने आया। जिनकी गिरफ्तारी करते हुए शनिवार को कार्रवाई पूरी की गई। पकड़े गए अभियुक्त का अपराधिक जो इतिहास है उसमें 2021 का एक मुकदमा दिल्ली में क्राइम ब्रांच टीम द्वारा दर्ज की गई थी। इस दौरान अभियुक्त के कब्जे से लैपटाप व मोबाइल बरामद किया गया था। अभियुक्त द्वारा ठगी के पैसों को पांच खातों में आरटीजीएस के माध्यम से स्थानान्तरित कराये गये थे।

फेसबुक व इंस्ट्रग्राम पर विदेशी महिलाओं की फोटो लगाकर की जा रही ठगी

उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान अभियुक्त ने बताया कि साइबर अपराधियों द्वारा विदेशी महिला के नाम और फोटो का इस्तेमाल कर इंस्टाग्राम, फेसबुक आदि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एकाउन्ट बनाया जाता है और उनके द्वारा वरिष्ठ नागरिकों व संभ्रान्त व्यक्तियों से दोस्ती कर इन्वेस्टमेंट, बिजनेस आदि चीजों के लिये झांसे में लेकर अपने अन्य सहयोगियों के साथ ट्रेप कर बड़ी धनराशि की ठगी की जाती है। अभियुक्त के कब्जे से एक लैपटॉप एचपी, दस मोबाइल फोन, 213 सिम, एक पासपोर्ट, दो डेबिड कार्ड, एक डीएल, एक मेंबरशिप कार्ड और 6370 रुपये नकद बरामद किया है।

तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराध, टेलीग्राम पर इस तरह देते हैं झांसा

साइबर थाना प्रभारी बृजेश कुमार यादव ने बताया कि वर्तमान में साइबर अपराध दिन प्रतिदिन बहुत तेज़ी से लोगों की आर्थिक और मानसिक क्षति पहुंचा रहा है । ऐसे में इस अपराध की जटिलता के वजह से इसके रोकथाम के लिए ज्यादा से ज्यादा जागरूकता की आवश्यकता है। तभी इससे बचा जा सकता है। चूंकि साइबर ठग आनलाइन ठगी करने के लिए तरह-तरह की तरकीब अपना रहे है। टेलीग्राम से ठगी के मामले बहुत सारे आ रहे है। चूंकि साइबर ठग टेलीग्राम पर रुपये डबल करने का लालच देते हैं जिस पर लोग आसानी से आ जाते है और फिर ठगी के शिकार हो जा रहे है।

इस तरह रहे सावधान

-अपने अकाउंट्स का पासवर्ड नियमित रूप से बदलते रहें।

-फ्री गिफ्ट देने का वादा करने वाले कॉल से सतर्क रहें और उन्हें कोई भी जानकारी और ओटीपी न दें।

-सोशल मीडिया या इंटरनेट पर किसी भी अनचाहे ई-मेल, एसएमएस या मैसेज में आए अटैचमेंट या लिंक को न खोलें।

-घर बैठे कमाई करने जैसे लालच में ना आएं। ऐसे कॉल या विज्ञापन को नजरअंदाज करें।

-किसी भी साइबर ठगी से बचने का सबसे आसान रास्ता है, कि आप किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और भुगतान न करें।

-किसी से भी अपनी बैंकिंग डिटेल्स, ओटीपी व एटीएम का पासवर्ड शेयर न करें।

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