लखनऊ । लोकसभा चुनाव अभी आया नहीं की राजनीतिक दलों में तोड़फोड़ शुरू हो गई है। खासकर सपा, बसपा और कांग्रेस में सबसे ज्यादा उथल पुथल चल रही है। इसी क्रम कद्दावर नेता रवि प्रकाश वर्मा ने शुक्रवार को सपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने इस्तीफा देने का कारण लखीमपुर खीरी में सपा की आंतरिक गतिविधियों को बताया। चर्चा है कि रवि वर्मा अब कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। उधर, कांग्रेस प्रदेश कमेटी ने उनको पार्टी में शामिल कराने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। समाजवादी पार्टी के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है।
खीरी संसदीय सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं
जानकारी के लिए बता दें कि लखीमपुर खीरी के गोला निवासी रवि प्रकाश वर्मा खीरी संसदीय सीट से दो बार सांसद और एक बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं। वह इसी साल जनवरी महीने में सपा के तीसरी बार राष्ट्रीय महासचिव बने थे। लेकिन, कुछ ही महीनों बाद उनकी सपा से अनबन सामने आ गई थी, तभी से इस बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि रवि वर्मा लोकसभा चुनाव से पहले सपा का साथ छोड़ सकते हैं। क्षेत्र में इसकी चर्चा बहुत जोरो पर चल रही है। चूंकि नये नेताओं के आगे उनकी पूछ कम हो गयी है। इसी के चलते मनमुटाव चल रहा था, जो शुक्रवार को खुलकर सामने आ गया।
रवि वर्मा कुर्मी समाज के कद्दावर नेता
रवि वर्मा कुर्मी समाज के कद्दावर नेता हैं। जिले की करीब 50 लाख की आबादी वाले खीरी जनपद में ओबीसी आबादी सबसे ज्यादा करीब 35 प्रतिशत है। इनमें कुर्मी बाहुल्य आबादी पहले नंबर पर है। इसी गणित को साधते हुए समाजवादी पार्टी ने रवि प्रकाश वर्मा को तीसरी बार जनवरी महीने में राष्ट्रीय महासचिव बनाया था। जानकारी के मुताबिक सपा के स्थानीय और नए नेताओं को पार्टी में ज्यादा तरजीह दिए जाने से रवि वर्मा नाराज थे।
इसी के चलते जून महीने में जब सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव दो दिन के दौरे पर कार्यकर्ता सम्मेलन में खीरी आए थे तो उनके मंच से कद्दावर नेता रवि प्रकाश वर्मा गायब थे।2019 के लोकसभा चुनाव में रवि प्रकाश वर्मा की बेटी को सपा और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा गया था। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा।