लखनऊ । राजधानी में जब से 11 नो पार्किग जोन घोषित किये गए है तब से क्रेनों को लेकर शहर में चर्चा खूब हो रही है। वह इसलिए क्योंकि क्रेन केवल आम आदमी के वाहन ही नहीं बल्कि मंत्रियों और अधिकारियों की भी गाड़ियों को नो पार्किंग जाेन में खड़ी मिलने पर उठा ले रहे है। गाड़ी उठने के बाद जब उसका चालान कटने के बाद जब जमा हो जा रहा है तब छोड़ा जा रहा है। अभियान शुरू होने से लेकर अब तक कुल मिलाकर 15087 वाहनों का चालान किया गया है।

मंत्री से लेकर अधिकारियों के तक की गाड़ी पर हो रही कार्रवाई

वैसे तो राजधानी के अंदर 11 नो पार्किंग जोन बने है लेकिन विधानसभा के आसपास के नो पार्किंग जोन की चर्चा सबसे ज्यादा है। चूंकि यहां पर अभियान की चपेट में सबसे ज्यादा अधिकारी, पुलिस और माननीय की गाड़ी आ रही है। अभी तक जनप्रतिनिधि में करीब आधा दर्जन की गाड़ियां उठाई जा चुकी है। जनप्रतिनिधि में यूपी सरकार के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह की गाड़ी उठाये जाने की सबसे अधिक रही चर्चा। चूंकि मत्री के काफिले की गाड़ी विधानसभा मार्ग पर नो पार्किंग जोन में खड़ी थी। अभियान के दौरान जब ट्रैफिक की नजर उधर पड़ी तो फिर क्रेन से उठवा लिया।

रॉग साइड वाहन चलाने पर 3640 वाहनों का किया चालान

इतना ही नहीं 1100 रुपये का चालान जब जमा हो गया तब जाकर गाड़ी को छोड़ा गया। इससे पहले पूर्व मंत्री ओपी राजभर के काफिले में शामिल गाड़ी को नो पार्किंग से उठाया गया। 1100 रुपए वसूलने के बाद गाड़ी छोड़ी गई है।इसी प्रकार से कई अधिकारियों और पुलिस वाले की गाड़ी को नो पार्किंग जोन से उठा लिया गया और जब जुर्माना अदा कर दिये तब जाकर वाहन छोड़ा गया। इस प्रकार से लगातार हो रही कार्रवाई से धीरे-धीरे लोग जागरूक हो रहे है। डीसीपी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि 25 जुलाई से अब तक कुल मिलाकर 15087 वाहनों का चालान किया गया है। इसके अलावा रॉग साइड से वाहन चलाने पर 3640, तीन सवारी बैठाने पर 1680 वाहनों का चालान किया गया है।

यह निर्धारित किया गया है शुल्क

नो पार्किंग जाने से उठाए गए चार पहिया वाहन का 1100, तीन पहिया का 800 और दो पहिया वाहन का 700 रुपए जुर्माना वसूला जा रहा है। इस दौरान किसी प्रकार की जानकारी या दिक्कत आने पर ट्रैफिक कंट्रोल नंबर 9454405155 और क्रेन संचालन एजेंसी के कक्ष के टोल-फ्री नंबर 1800-120-0428 पर संपर्क कर सकते हैं। साथ ही यूपी मोटर नियम 1998 के तहत गाड़ी छोड़ने का अधिकार सिर्फ पुलिस आयुक्त व संयुक्त पुलिस आयुक्त को ही दिया गया है। इसके अलावा किसी भी अधिकारी से कहने पर आपका वाहन नहीं छूट सकता है। वैसे तो नियम 178 के तहत नगर निगम के क्षेत्र में एसपी और उसके बाहर आरटीओ के पास पावर है।

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