मिर्जापुर। जिगना थाना क्षेत्र के बघेड़ा कला गांव के एक मकान में घुसे भालू को टीम ने रेस्क्यू कर 22 घंटे बाद बृहस्पतिवार दोपहर पिंजड़े में कैद कर लेकर चली गई। काफी भाग दौड़ दौरान कई लोगों को घायल करने के बाद भालू बघेड़ा कला गांव के तेजू बिन्द के मकान में घुस गया था। बुधवार की रात कानपुर से आई डाक्टरों व रेस्क्यू की टीम में मो. नासिर, विनोद कुमार, कमलेश कुमार ने बृहस्पतिवार दोपहर लगभग दो बजे बेहोशी का इंजेक्शन फायर कर दिया ।
भालू देखने के लिए हजारों की संख्या में उमड़ी भीड़
जिससे दस मिनट बाद भालू बेहोशी की हाल में हो गया। टीम के लोगों ने शख्ती दिखाते हुए तत्काल बेहोशी हाल में उसे वाहन पर पहले से लदे पिजड़े में कैद कर लिया। जिसे वन क्षेत्राधिकारी लालगंज के कार्यालय ले जाया गया। जहां उसकी देख देख चिकित्सकीय जांच व उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अग्रीम कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल उसे लालगंज स्थित वन विभाग के कार्यालय ले जाया गया है। भालू देखने के लिए आसपास के गांवों से हजारों की संख्या में भारी भीड़ का आवागमन बना रहा।
ग्रामीण के हमले में भालू हो गया है चोटहिल
डीएफओ अरविंद राज मिश्रा ने बताया कि ग्रामीणों के हमले में भालू चोटहिल हो गया है। पहले उसका इलाज किया जाएगा। उसे कहां और किस जंगल में छोड़ना होगा यह अभी निश्चित नहीं हो पाया है। लेकिन उसे किसी घने जंगल में ही अधिकारियों के निर्देश पर उसे छोड़ा जाएगा। वन क्षेत्राधिकारी लालगंज के. के. सिंह ने बताया कि मौके पर पहुंचे वन कर्मियों ने किसी तरह उसे ग्रामीणों के हमले से बचा लिया गया था। लेकिन भालू अपनी जान बचाकर गांव के ही तेजू बिन्द के बने पक्के मकान में घुस गया मौके पर लोगों ने दरवाजा बंद कर दिया।
रात में लाया गया दूसरा पिजड़ा
इस दौरान वन विभाग व रेस्क्यू ऑपरेशन टीम तरह तरह के हथकंडे अपनाते रहे। रात लगभग डेढ़ बजे एक पिंजड़े में कैद कर लिया था पर भालू पिंजड़े को तोड़कर भागना चाहा तब तक वन कर्मियों ने गेट खोलकर पुनः मकान में कर दिया। रात में ही दूसरा पिजड़ा लाया गया जिसमें उसे कैद किया जा सका। तब जाकर ग्रामीणों ने चैन की सांस ली। वन क्षेत्राधिकारी चुनार एस. पी. ओझा वन दरोगा यादवेन्द्र यादव, आर. पी. कुशवाहा समेत दर्जनों वन कर्मी के अलावा जिगना थाना प्रभारी अरविंद पांडेय दलबल समेत मौके पर डटे रहे।