सपा की महिला विधायक विजमा यादव को प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने 21 साल पुराने मामले में दोषी करार दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने सपा विधायक को 22 साल पुराने आपराधिक मुकदमे में डेढ़ साल की सजा सुनाई और एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।इस मामले में कुल 15 आरोपी थे, लेकिन इनमें से 14 को कोर्ट ने बरी कर दिया है। जानकारों का कहना है कि इसमें विजमा यादव की विधानसभा की सदस्यता निरस्त नहीं होगी। क्योंकि सदस्या दो साल या इससे ज्यादा की सजा होने पर होती है।
यह था पूरा मामला, 21 साल बाद आया फैसला
बता दें कि 21 सितंबर साल 2000 को सहसा चौकी के सामने एक हादसा हुआ था। इस हादसे में श्यामबाबू के सात साल के बेटे आनंदी जी उर्फ छोटू की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। इस मौत के बाद लोगों ने उसके शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया था और इसके साथ ही इस दौरान कई लोग असलहों से लैस थे। वहीं मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी सराय इनायत, कृपाशंकर दीक्षित और पुलिस की टीम पर ईंट और हथियारों से हमला किया था। सपा विधायक विजमा देवी पर आरोप था कि 22 साल पहले उन्होंने ही लोगों को सड़क जाम करने और हिंसा करने के लिए भड़काया था। इस हंगामे में पुलिस टीम में शामिल कई पुलिसकर्मियों को चोट आई थी।
इस मामले में 16 गवाह पेश किए गए
इस मामले में तत्कालीन एसआई कृपाशंकर दीक्षित की ओर से सराय इनायत थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 16 गवाह पेश किए गए। साथ ही अभियोजन साक्ष्य द्वारा 12 घायलों के साक्ष्य भी पेश किए गए। इस मामले में विजमा यादव समेत 15 आरोपियों पर मुकदमा चल रहा था।इस मामले की सुनवाई करते हुए एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट प्रयागराज के जज दिनेश चंद्र शुक्ला ने सजा सुनाई है। प्रयागराज की प्रतापपुर सीट से विजमा यादव 2022 में चौथी बार सपा विधायक चुनी गई हैं। विजमा के पति सपा विधायक जवाहर पंडित की 1996 में सिविल लाइंस इलाके में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।