एसएमयूपीन्यूज, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को राज्य का नया कार्यवाहक डीजीपी नियुक्त किया गया है। उन्होंने 60,244 पदों की पुलिस भर्ती परीक्षा को पारदर्शी तरीके से सम्पन्न कर सराहना पाई। इटावा में दस्यु गिरोहों के सफाए, एटीएस गठन, और कम्युनिटी पुलिसिंग जैसी कई महत्वपूर्ण पहल में उन्होंने अहम भूमिका निभाई है। IIT रुड़की से इंजीनियरिंग करने वाले राजीव कृष्ण को दो बार राष्ट्रपति वीरता पदक मिल चुका है। सेवानिवृत्ति में अभी 4 वर्ष शेष हैं, जिससे वे लंबे समय तक पुलिस प्रमुख रह सकते हैं।
वे 11 वरिष्ठ अधिकारियों को पीछे छोड़ते हुए इस पद पर चयनित हुए
उत्तर प्रदेश पुलिस को उसका नया मुखिया मिल गया है। वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण को राज्य का नया कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (DGP) नियुक्त किया गया है। 1989 बैच के अधिकारी राजीव कृष्ण को यह जिम्मेदारी उस समय सौंपी गई है जब प्रदेश सरकार को एक अनुभवी, निष्पक्ष और सशक्त नेतृत्व की जरूरत थी। वे 11 वरिष्ठ अधिकारियों को पीछे छोड़ते हुए इस पद पर चयनित हुए हैं।
इन्होंने पुलिस भर्ती परीक्षा को सफल तरीके से कराया
राजीव कृष्ण को हाल ही में सिपाही नागरिक पुलिस के 60,244 पदों की सीधी भर्ती परीक्षा को निष्पक्ष और विवादरहित ढंग से सम्पन्न कराने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से भर्ती बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था। पेपर लीक जैसे गंभीर प्रकरण के बाद उनके नेतृत्व में दोबारा कराई गई परीक्षा पूरी तरह पारदर्शी रही, जिससे उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता का लोहा मनवाया। यह अभियान देश का अब तक का सबसे बड़ा पुलिस भर्ती अभियान माना जा रहा है। इसी सफलता के बाद राज्य सरकार ने उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस का शीर्ष पद सौंपा।
गौतमबुद्धनगर के मूल निवासी हैं राजीव कृष्ण
गौतमबुद्धनगर के मूल निवासी राजीव कृष्ण ने IIT रुड़की से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की थी। वे देश के सबसे युवा आईपीएस अधिकारियों में शामिल रहे हैं। अपने तीन दशकों से अधिक के सेवाकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं और हर पद पर अपनी कार्यकुशलता का प्रमाण दिया। राजीव कृष्णा एसएसपी, लखनऊ, डीआईजी, लखनऊ रेंज, एसएसपी, नोएडा, आईजी, लखनऊ ज़ोन, एडीजी, आगरा ज़ोन, आईजी ऑपरेशन्स, बीएसएफ (भारत-पाक सीमा की बाड़बंदी परियोजना में महत्वपूर्ण भूमिका) इन पदो पर रह चुके हैं।
दस्यु उन्मूलन अभियान के दौरान कई गिरोहों का किया सफाया
इटावा में दस्यु उन्मूलन अभियान के दौरान उन्होंने अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की और डकैतों के कई गिरोहों का सफाया किया। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश एटीएस के गठन में भी उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई थी।साल 2010 में लखनऊ में एसएसपी रहते हुए उन्होंने कम्युनिटी पुलिसिंग को नई दिशा दी। उनकी पहल पर वरिष्ठ नागरिक सहायता प्रकोष्ठ की स्थापना हुई, जिसने राजधानी के बुजुर्गों को सुरक्षा और सहायता का भरोसा दिलाया। यह प्रकोष्ठ आज भी सक्रिय है।
आईपीएस प्रशांत कुमार का नहीं हुआ सेवा विस्तार
शनिवार को पूरे दिन प्रशांत कुमार का सेवा विस्तार होने की अटकलें लगती रहीं। देर शाम तक प्रशांत कुमार द्वारा डीजीपी पद का कार्यभार नहीं छोड़ने पर इन अटकलों को बल मिलता गया, हालांकि रात करीब आठ बजे राजीव कृष्णा को डीजीपी बनाने की घोषणा कर दी गई। देर शाम प्रशांत कुमार, राजीव कृष्णा और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट कर उन्हें पुलिस विभाग की कॉफी टेबिल बुक भेंट की
सबसे लंबे समय तक रह सकते हैं डीजीपी
राजीव कृष्ण को दो बार राष्ट्रपति पुलिस वीरता पदक, उत्कृष्ट सेवा पदक, और सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया गया है। वे सादगी, ईमानदारी और संवेदनशील नेतृत्व के लिए पहचाने जाते हैं।सेवानिवृत्ति में अभी उनके चार वर्ष और एक माह शेष हैं, जिससे यह उम्मीद की जा रही है कि वे लंबे समय तक प्रदेश पुलिस को स्थायी और स्थिर नेतृत्व प्रदान कर सकते हैं।
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