एसएमयूपीन्यूज,ब्यूरो। दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को करारी शिकस्त देते हुए 47 सीटें जीती हैं और एक पर आगे चल रही है। वहीं आम आदमी पार्टी के खाते में 22 सीटें आई हैं। दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा की 69 सीटों के नतीजे घोषित हो गए हैं। सिर्फ विकासपुरी सीट के नतीजे अभी नहीं आए हैं।

भाजपा ने दिल्ली में अपने 27 साल का वनवास खत्म कर दिया

विकासपुरी सीट पर भाजपा उम्मीदवार पंकज कुमार सिंह अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आम आदमी पार्टी के महिंदर यादव से 12,876 मतों से आगे हैं। इस सीट पर अभी तक 28 राउंड की मतगणना हो चुकी है और अंतिम 29वें राउंड की मतगणना चल रही है। चुनावी नतीजों से स्पष्ट है कि भाजपा ने दिल्ली में अपने 27 साल का वनवास खत्म कर दिया है।

भाजपा को मतगणना में 45.66, आप को 43.55 प्रतिशत मत मिले

भाजपा को मतगणना में 45.66 प्रतिशत, आम आदमी पार्टी को 43.55 प्रतिशत और कांग्रेस को 6.35 प्रतिशत मत मिले हैं।दिल्ली विधानसभा की कुल 70 सीटों में से 68 पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार उतारे थे, जबकि दो सीटें अपने सहयोगी दलों के लिए छोड़ी थीं। भाजपा-नीत राजग के घटक दल जदयू ने बुराड़ी सीट से शैलेन्द्र कुमार और लोजपा (रामविलास) ने देवली सीट से दीपक तंवर को मैदान में उतारा था, लेकिन दोनों उम्मीदवार चुनाव हार गए।

केजरीवाल, मनीष सिसोदिया को हार का करना पड़ा सामना

पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन, कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज, आप प्रवक्ता दुर्गेश पाठक, राखी बिड़लान और सोमनाथ भारती चुनाव हार गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री आतिशी और कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने अपनी सीट बचा ली है। भाजपा के प्रवेश साहिब सिंह, सतीश उपाध्याय, बिजेन्द्र गुप्ता, आम आदमी पार्टी से आए कैलाश गहलोत और अरविंदर सिंह लवली, कांग्रेस से आए राजकुमार चौहान, मोहन सिंह बिष्ट चुनाव जीत गए हैं। वहीं रमेश बिधूड़ी कालकाजी सीट से हार गए हैं।

1993 में विधानसभा बनने के बाद पहले चुनाव में भाजपा जीती

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में 1993 में विधानसभा बनने के बाद पहले चुनाव में भाजपा जीती। 1998 से भाजपा सत्ता से बाहर हो गई। वर्ष 1998, 2003 एवं 2008 में दिल्ली में शीला दीक्षित की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार बनी। 2013 के चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला। 32 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ा दल बनी। उसके मना करने पर आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाई। वह सरकार केवल 49 दिन चल पाई। वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 67 और भाजपा को तीन और 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी को 62 और भाजपा को 08 सीटें मिलीं।

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