कन्नौज। कन्नौज-ठठिया मार्ग पर ऐसा चक्रवाती तूफान आया कि लोगों की सांसे थम गयी।मात्र 15 मिनट के इस तूफान का असर इतना भयावक हुआ कि किसान खून के आंसू रोने को मजबूर हो गये है।करीब साढे चार बजे के बाद तेज हवा और मूसलाधार बारिश के साथ आये इस चक्रवाती तूफान की चपेट में कन्नौज से ठठिया जाने वाले मार्ग पर स्थित करीब एक दर्जन से अधिक गांव आये है।तूफान का असर यह हुआ है कि खेतों में पकी खड़ी धान की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गयी,जबकि आलू बुबाई के लिये तैयार खेतों में अब लबालब पानी भर गया है।
दर्जन भर से अधिक गांवों में चक्रवाती तूफान आया
क्षेत्र के दर्जनों पेड़ उखड़कर दूर जा गिरे,जबकि यही हाल बिजली खम्बे का भी हुआ है। प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुये मौके पर राजस्व कर्मियों की टीम को भेजा है। जिसके द्वारा नुकसान का आंकलन कराया जा रहा है।शनिवार देर शाम आंधी और बारिश से नेरा, सठियापुर,सहजापुर,बलनापुर सहित कन्नौज से ठठिया मार्ग स्थित अन्य दर्जन भर से अधिक गांवों में चक्रवाती तूफान आया। तेज हवा से खेतों में लगी धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। साथ ही आलू के लिये तैयार किये जा रहे खेतों में भी पानी भर गया है।जिससे आलू की बुवाई लेट होना निश्चित हो गया है।
तेज हवा एवं बारिश की वजह से फसल पूरी तरह खेतों में सो गई
बदले मौसम से लोगों को भले ही तेज गर्मी से राहत मिली हो परंतु क्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान हुआ। तेज हवा एवं बारिश की वजह से फसल पूरी तरह खेतों में सो गई है। अच्छे फसल की उम्मीद लिए किसान प्रकृति की इस मार से सदमे में हैं।एक तरफ किसान पहले से ही खाद,बीज एवं डीजल को लेकर महंगाई की मार झेल रहे हैं वहीं दूसरी तरफ प्राकृतिक आपदा ने उनकी रही सही कसर को पूरी कर दी। चक्रवाती तूफान की चपेट में आकर 30 से अधिक विशालकाय पेड़ उखड़ गए।
विद्युत लाइन और ट्रांसफार्मर धराशायी हो गए
चक्रवाती तूफान में विद्युत लाइन और ट्रांसफार्मर धराशायी हो गए। ठठिया स्थित मां तपेश्वरी मंदिर में चल रहे दुर्गा महोत्सव का सजा पाण्डाल देखते देखते चक्रवाती तूफान की चपेट में आकर धरासायी हो गया।किसानों ने बताया कि तेज आवाज के साथ हवा के झोंके तेजी से आगे बढ़ रहे थे।
इस दौरान जो भी रास्ते आया उसे कई फुट ऊंचाई तक उड़ा ले गया।तूफान ने गांव के किसानों की फसलों और विशालकाय पेड़ों को भी जड़ से उखाड़ फैंका।प्रत्यक्षदर्शी किसानों ने बताया कि तूफान के दौरान पेड़ गेंद की तरह उछल रहे थे।देर शाम प्रशासन की टीम ने भी जायजा लिया।किसानों ने प्रशासन से मदद की मांग की है।