लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार काे अपने सरकारी आवास पांच कालीदास पर बेसिक शिक्षा विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह एवं अधिकारियों के साथ अहम बैठक की। जिसमें मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में उच्च न्यायालय के निर्णय के आलोक में बेसिक शिक्षा विभाग कार्यवाही करे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आबजर्वेशन व उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ बेंच के निर्णय के आलोक में विभाग द्वारा कार्यवाही की जाये। सरकार का स्पष्ट मत है कि संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण की सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को प्राप्त होना ही चाहिए। किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।इन सब पहलुओं पर ध्यान रखते हुए काम किया जाए।

69 हजार अभ्यर्थियों की सूची को रद्द कर नई सूची बनाने का निर्देश

उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 16 अगस्त, 2024 को सहायक शिक्षक भर्ती-2019 में चयनित 69 हजार अभ्यर्थियों की सूची को रद्द कर नई सूची बनाने का निर्देश दिया है। सरकार व अन्य संबंधितों को यह भी आदेश दिया है कि तीन माह में नई सूची जारी कर दी जाए।

किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए

यह निर्णय न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति बृजराज सिंह की दो सदस्यीय पीठ ने महेंद्र पाल व अन्य द्वारा एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल 90 विशेष अपीलों को एक साथ निस्तारित करते हुए पारित किया है।मुख्यमंत्री योगी के साथ हुई बैठक में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रकरण में न्यायालय के निर्णय के सभी तथ्यों से उन्हें अवगत कराया। इसके बाद उन्होंने कहा कि संविधान द्वारा प्रदत्त आरक्षण की सुविधा का लाभ आरक्षित श्रेणी के अ​भ्यर्थियों को प्राप्त होना चाहिए तथा किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए।

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