लखनऊ । लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ एक्शन मोड में नजर आ रहे है। मंत्रियों के साथ बैठक करने के बाद अब सीएम योगी ने उच्चस्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद लापरवाह अफसरों की रिपोर्ट तलब की है। ताकि यूपी में विकास कार्यो में तेजी लाया जा सके। साथ ही काम न करने वाले अधिकारियों पर सख्ती की जा सके। इसलिए ऐसे अधिकारियों की सूची प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

जल्द ही सीएम को सौंपी जाएगी लापरवाह अधिकारियों की रिपोर्ट

मुख्यमंत्री की बैठक में सबसे ज्यादा राजस्व संबंधी मामलों में लापरवाही सामने आने पर नाराजगी जाहिर करते हुए ऐसे अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने का निर्देश दिया है। साथ ही दो हफ्ते में रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपने के निर्देश दिये हैं। सीएम के निर्देश के बाद राजस्व से जुड़े अधिकारी हरकत में आ गये हैं।

इसी क्रम में राजस्व परिषद चेयरमैन रजनीश दुबे ने हाल ही में राजस्व से जुड़े मामलों की समीक्षा की। इसमें उन्होंने राजस्व संबंधी कार्यों में लापरवाही पर राजस्व अफसरों, एडीएम, एसडीएम, नायब तहसीलदार और तहसीलदार स्तर के अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।

मुख्य सचिव ने लापरवाह अधिकारियों को लगाई फटकार

उधर, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने भी राजस्व संबंधी मामलों को लेकर बैठक की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के विभिन्न जिलों में राजस्व संबंधी मामलों के निपटारे में लापरवाह अधिकारियों को फटकार लगायी। साथ ही कार्यों में सुधार लाने के निर्देश दिये। इसके अलावा वह जल्द ही राजस्व संबंधी मामलों में अनियमितता बरतने वाले जिलों की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपेंगे, जिसके बाद इन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

राजस्व वादों के निपटारे में ये जिले रहे फिसड्डी

मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र द्वारा राजस्व विभाग की बैठक में सामने आया कि राजस्व संबंधी मामलों के निपटारों में कई जिले फिसड्डी रहे हैं। इस पर उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाने के साथ इसमें सुधार लाने के निर्देश दिये। स्वामित्व योजना के तहत घरौनी तैयार करने में गोरखपुर, प्रयागराज, बाराबंकी, जौनपुर और गाजीपुर में काफी धीमी गति से कार्य हो रहा है। मुख्य सचिव ने इसमें तेजी लाने के निर्देश दिये। इसके अलावा राजस्व वादों के निस्तारण में महोबा, चित्रकूट, मुजफ्फरनगर, शामली और बागपत फिसड्डी रहे हैं। यहां आठ हजार से अधिक मामले लंबित हैं।

पैमाइश में लखनऊ, प्रयागराज का प्रदर्शन ठीक नहीं

बैठक में सामने आया कि राजस्व वाद के तहत धारा-24 (पैमाइश) में लखनऊ, प्रयागराज, अमरोहा, फतेहपुर और सहारनपुर का प्रदर्शन ठीक नहीं है। इसके साथ ही धारा-34 (नामांतरण) में कुशीनगर, सोनभद्र, रायबरेली, बलिया और अमेठी में पहले से सुधार हुआ है, लेकिन निपटारे का प्रतिशत 95 प्रतिशत से कम है।

इसी तरह धारा-80 (कृषिक भूमि का गैर-कृषिक भूमि में परिवर्तन) के अयोध्या में 34, प्रतापगढ़ में 21, गोरखपुर में 12, कानपुर नगर में 10 और बाराबंकी में 7 मामले लंबित हैं। यह सभी मामले एक वर्ष से अधिक और तीन वर्ष से कम के हैं। इसे लेकर मुख्य सचिव जल्द ही पूरी रिपोर्ट सीएम कार्यालय को सौंप सकते हैं। इसके बाद सीएम योगी द्वारा लापरवाह अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

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