लखनऊ। माफिया मुख्तार अंसारी के शव को उनके पैतृक कब्रिस्तान कालीबाग में ही मां की कब्र के बगल में ही सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस दौरान प्रशासन की ओर से पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।कब्रिस्तान के बाहर सुरक्षा में 25 डीएसपी, 21 एसडीएम, 150 इंस्पेक्टर, 3000 पुलिसकर्मी, 30 सादी वर्दी, 8 यूनिट एलआईयू की तैनाती रही। मुख्तार के स्वजन में उनके बड़े भाई सांसद अफजाल अंसारी, पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी, भतीजे मुहम्मदाबाद विधायक सुहेब अंसारी, बेटा उमर अंसारी सहित सभी ने मुख्तार के कब्र पर मिट्टी देकर अंतिम विदाई दी।
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कब्रिस्तान के गेट के सामने डीएम और पुलिस अधीक्षक मौजूद थे जो लोगों को अंदर जाने से रोक रहे थे। इसमें मुख्तार के परिवार के लोग भी जिला प्रशासन का सहयोग कर रहे थे। मुख्तार के अंतिम दर्शन के लिए हजारों की संख्या में लोग कब्रिस्तान के बाहर मौजूद रहे, जिन्हें हटाने में प्रशासन को काफी जदोजहद करनी पड़ी। वहीं, पिता की कब्र के पास काफी देर तक बेटा उमर बैठा रहा। मुख्तार के करीबी लोग उसे मिट्टी देने के लिए पहुंचे।
शव यात्रा में स्थानीय लोगों की उमड़ी भारी भीड़
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मुख्तार की कब्र और सुपुर्द-ए-खाक कराने को लेकर कब्रिस्तान के व्यवस्थापक अफरोज ने बताया कि मुख्तार अंसारी को दफनाने के लिये कब्रिस्तान यूसुफपुर मोहम्मदाबाद में काली बाग कब्र तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि 7.5 फिट लम्बी, 3.5 फिट चौड़ी, पांच फिट गहरी कब्र बनायी गयी है। हिन्दू मजदूरों गिरधारी, संजय और नगीना ने मुख्तार की कब्र को तैयार किया गया था। वहीं शव यात्रा में स्थानीय लोगों की भारी भीड़ जमा रही। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी, पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह भी स्वयं मौके पर मौजूद रहे और सुरक्षा को लेकर मातहतों को आवश्यक दिशा निर्देश देते रहे।