लखनऊ । नहाय-खाय के साथ शुरू हुए लोक आस्था के महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है। आज अस्तलचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। आज व्रती तालाब, नदी आदि पानी के स्रोत में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगे।संध्या अर्घ्य के दिन सूर्यास्त का समय शाम लगभग 5:26 बजे होगा, जिसके दौरान भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। यूपी की राजधानी लखनऊ में छठ पर्व को मनाने के लिए व्यापक इंतजाम किये गये है। घाटों की साफ-सफाई कराई गई है।
आज के दिन छठी मइया की पूजा के लिए प्रसाद बनाया जाता है और शाम को सूर्यास्त के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। अर्घ्य देने से पूर्व घाट पर सायं काल में बांस की टोकरी में छठ पूजा में शामिल सभी पूजा सामग्री, फल और पकवान आदि को अर्घ्य के सूप में सजाया जाता है और इसके बाद अपने परिवार के साथ सूर्य को अर्घ्य देता हैं। अर्घ्य के समय सभी लोग पवित्र नदी या घाट के किनारे एकत्रित होकर सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं और छठ के प्रसाद से भरे हुए सूप से छठी मइया की पूजा की जाती है।
छठ पर्व मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। छठ पर्व को कई नामों से जाना जाता है। जैसे डाला छठ, सूर्य षष्ठी और छठ पूजा के नाम से जाना जाता है। छठ का त्योहार मुख्य रूप से भगवान सूर्य और छठी माता की पूजा और उपासना का त्योहार है। इसमें व्रती 36 घंटों तक निर्जला व्रत रखता है और अपनी संतान की लंबी आयु और अरोग्यता के लिए छठी माता से आशीर्वाद प्राप्त करता है।