लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को आहूत प्रदेशस्तरीय बैठक में आगामी दीपोत्सव, हनुमान जयंती, दीपावली, छठ पूजा, देवोत्थान एकादशी,देव दीपावली आदि पर्वों के सुचारु आयोजन, आम जन को स्वास्थ्य सुविधाओं की सुलभ उपलब्धता आदि महत्वपूर्ण विषयों के संबंध में शासन-प्रशासन के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आवश्यक दिशा-निर्देश।
कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील
सीएम याेगी ने कहा कि आने वाले दिनों में दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई-दूज, देवोत्थान एकादशी, अयोध्या दीपोत्सव, काशी देव दीपावली और छठ महापर्व जैसे विशेष त्योहार हैं। कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान आदि मेलों का आयोजन भी इसी अवधि में है। कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील है। अतः हमें सतत सतर्क-सावधान रहना होगा। हर पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। शरारतपूर्ण बयान जारी करने वालों के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ कड़ाई से पेश आएं।
अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता की जाए
माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता की जाए।सीएम ने कहा कि अयोध्या दीपोत्सव का कार्यक्रम अपनी भव्यता के लिए आज पूरी दुनिया में पहचान बना रहा है। ऐसे में समारोह की गरिमा का पूरा ध्यान रखते हुए सभी तैयारियां की जानी चाहिए। 2017 से प्रतिवर्ष दीपोत्सव एक नवीन कीर्तिमान बना रहा है। इस वर्ष 21 लाख दीपों से अवधपुरी जगमग होगी। इस हेतु दीप, तेल, बाती, स्थान, स्वयंसेवकों आदि की पुख्ता व्यवस्था कर ली जाए।
दीपोत्सव हमारी सनातन परंपरा का अभिन्न हिस्सा
उन्होंने कहा कि दीपोत्सव हमारी सनातन परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। यह मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण जी के 14 वर्ष के वन प्रवास के उपरांत अयोध्या लौटने की पावन स्मृति स्वरूप है। अयोध्या दीपोत्सव में भगवान श्रीराम की अयोध्या वापसी, भरत मिलाप, श्रीराम राज्याभिषेक आदि प्रसंगों का प्रतीकात्मक चित्रण भी होगा। सरयू मइया की आरती भी उतारी जाएगी। 04 देशों और 24 प्रदेशों की रामलीलाओं का मंचन होगा। इस आयोजन पर पूरी दुनिया की दृष्टि है। अतः इसकी भव्यता में कोई कमी न हो।
विदेशी कलाकारों को सुरक्षित घर तक पहुंचाने की व्यवस्था हो
दीपोत्सव की भव्यता निहारने बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन की सहभागिता होगी। मुख्य समारोह के अतिरिक्त अयोध्या नगर के सभी धार्मिक स्थलों, मठ-मंदिरों की सजावट की जाए। इस मौके पर अनेक गणमान्य जनों की उपस्थिति भी होगी। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। गलती की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। अयोध्या जनपद में जगह-जगह पर समारोह का सीधा प्रसारण किया जाना चाहिए, ताकि अधिकाधिक जन दीपोत्सव से जुड़ सकें। मुख्य समारोह संपन्न होने के बाद लोग आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकें, इसके लिए समुचित प्लानिंग कर ली जाए। महिलाओं, बच्चों और विदेशी कलाकारों को सुरक्षित घर तक पहुंचाने की व्यवस्था हो। भगदड़ की स्थिति न बने, पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की जानी चाहिए।
मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था के किये जाए कड़े प्रबंध
मंदिरों में भीड़ के सम्भावना के दृष्टिगत 24×7 पुलिस बल की तैनाती की जाए।दीपोत्सव व देव दीपावली उल्लास और उत्साह का अवसर है। बड़ी संख्या में स्थानीय जनता और देश-विदेश से पर्यटक इसमें सहभागिता के उत्सुक होंगे। ऐसे में जनता की भावनाओं का पूरा सम्मान किया जाए। आमजन के आवागमन, बैठने की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। भीड़ नियंत्रण में लगे पुलिस बल का व्यवहार सरल और सहयोगी हो। किसी भी श्रद्धालु अथवा पर्यटक को अनावश्यक परेशानी न उठानी पड़े।
देव दीपावली पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना
23 से 26 नवम्बर तक काशी में गंगा महोत्सव और 27 को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देव दीपावली का भव्य आयोजन होगा। इस अवसर पर परंपरा के अनुसार सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। देव दीपावली पर इस वर्ष भारी संख्या में श्रद्धालुओं/पर्यटकों के आगमन की संभावना है। इस वर्ष 11 लाख दीप प्रज्ज्वलित करने की तैयारी करें।देवदीपावली और छठ के अवसर पर नदी घाटों पर भीड़ प्रबन्धन, सुरक्षा व्यवस्था विशेषकर, महिला सुरक्षा, अग्निशमन के पुख्ता इंतजाम करते हुये आपातकालीन हेल्पडेस्क बनाये जाएं। छोटी नावें न चलें तो बेहतर होगा। नाविकों का सत्यापन कराएं। गोताखोरों की तैनाती रखें।
सीसीटीवी कैमरों की सक्रियता जांच ली जाए
11 नवम्बर को हनुमान जयन्ती का पावन अवसर भी है। ऐसे में काशी संकटमोचन और अयोध्या हनुमानगढ़ी पर साज-सज्जा की जानी चाहिए। 10 नवंबर को धनतेरस का पर्व है। हर सनातन आस्थावान कुछ न कुछ खरीदारी जरूर करता है। इस मौके पर बाजार में भीड़ बढ़ेगी। ऐसे में अराजक तत्वों व शोहदों की सक्रियता, लूट-पाट की भी घटनाएं न हों, इसके लिए अलर्ट रहना होगा। फुट पेट्रोलिंग बढाएं। सीसीटीवी कैमरों की सक्रियता जांच ली जाए।दीपावली के लिए पटाखों की दुकानों व गोदामों का आबादी से दूर होना सुनिश्चित कराएं। जहां पटाखों का क्रय व विक्रय हो, वहां फायर टेंडर के पर्याप्त इंतज़ाम किए जाएं। पुलिस बल की सक्रियता भी बनी रहे। पटाखों की दुकान खुले स्थान पर हो। इन्हें लाइसेंस व एनओसी समय से जारी कर दिया जाए।
संवेदनशील प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारी लीड करें
छोटी सी घटना लपरवाही के कारण बड़े विवाद का रूप ले सकती है। ऐसे में अतिरिक्त सतर्कता आवश्यक है। त्वरित कार्यवाही और संवाद-संपर्क अप्रिय घटनाओं को संभालने में सहायक होती है। किसी भी अप्रिय घटना की सूचना पर बिना विलंब किए, जिलाधिकारी/पुलिस कप्तान जैसे वरिष्ठ अधिकारी खुद मौके पर पहुंचे। संवेदनशील प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारी लीड करें। ताकि कोई घटना व विवाद होने से पहले रोका जा सके।
शरारती तत्वों पर रखी जाए कड़ी नजर
पर्व और त्योहार खुशियों का अवसर होते हैं। हर व्यक्ति उल्लास-उमंग और आह्लाद में होता है। शरारती तत्व लोगों को अनावश्यक उत्तेजित करने की कुत्सित कोशिश कर सकते हैं, ऐसे मामलों पर नजर रखें। हर नगर की जरूरत के अनुसार ट्रैफिक प्लान तैयार करें। यह सुनिश्चित करें कि बाजार आने वाले लोग ट्रैफिक जाम में न फंसें। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए। हर दिन पुलिस बल फुट पेट्रोलिंग जरूर करे। पीआरवी 112 एक्टिव रहे। वरिष्ठ अधिकारी खुद भी इसमें प्रतिभाग करें।
त्योहारों पर बिजली आपूर्ति सुचारु रखी जाए
पर्व और त्योहारों के बीच ग्रामीण हो या कि शहरी क्षेत्र, पर्व-त्योहारों के बीच बिजली अपूर्ति सुचारु रखी जाए। कहीं से भी अनावश्यक कटौती की शिकायत न आए। इसकी समीक्षा की जाए। मिलावटखोरी आम जन के जीवन से खिलवाड़ है। किसी भी सूरत में मिलावटखोरी को सहन नहीं किया जाएगा। पर्व-त्योहारों के दृष्टिगत खाद्य पदार्थों की जांचकी कार्रवाई तेज की जाए। मिलावटी खाद्य पदार्थों के बिक्री की हर शिकायत पर तत्काल कार्यवाही हो। मिशन रूप में प्रदेशव्यापी निरीक्षण किया जाना चाहिए। मिलावटखोरों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।
खराब हालत वाली बसों को सड़कों न चलने दें कतई
ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र में व्यापक स्वच्छता, सैनिटाइज़ेशन और फॉगिंग का कार्य मिशन मोड में किया जाए। अतिरिक्त मानव शक्ति की जरूरत हो तो समय से प्रबंधन करें। स्वच्छता कार्य की शासन स्तर पर समीक्षा की जाए।पर्व और त्योहारों के इस उल्लासपूर्ण माहौल में लोगों के आवागमन में बढ़ोतरी स्वाभाविक है। बड़ी संख्या में लोग अपने घर जाते हैं। ऐसे में परिवहन विभाग द्वारा ग्रामीण रुट पर बसों की संख्या बढ़ाई जाए। खराब हालत वाली बसों को सड़क पर कतई न चलने दें। कोई भी चालक नशे की स्थिति में न हो।
उपहार स्वरूप वितरण किया जाए रसोई गैस सिलेंडर
पूरे प्रदेश में ई-रिक्शा चालकों का सत्यापन किया जाए। इनके लिए रूट निर्धारित किया जाए। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभर्थियों को दीपावली के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की ओर से उपहार स्वरूप निःशुल्क रसोई गैस सिलेंडर वितरित किया जाना है। लाभार्थियों का आधार सत्यापन करा लिया जाए। हर जनपद में इससे जुड़े आयोजन होंगे।