लखनऊ । यूपी पुलिस रेडियो मुख्यालय में एक से तीन अक्टूबर तक आयोजित स्थापना दिवस समारोह में सोमवार को असीम अरूण, मंत्री, समाज कल्याण द्वारा “श्री जगदीश चन्द्र बोस प्रदर्शनी” का भ्रमण किया गया। मंत्री द्वारा प्रत्येक स्टॉल पर जाकर नवीनतम दूरसंचार उपकरणों,सीसीटीवी आदि के बारे में जानकारी ली गयी। भ्रमण के दौरान डा. संजय तरडे, पुलिस महानिदेशक, दूरसंचार द्वारा प्रदर्शनी का भ्रमण कराया गया तथा तकनीकी स्पष्ट की गयी।
मॉडरेटर के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ायी
तदोपरान्त मंत्री असीम अरूण द्वारा पुलिस रेडियो कर्मियों और संचार उपकरणों का यूपी-112 एवं सेट सिटी में योगदान एवं भूमिका विषय पर आयोजित पैनल डिस्कशन में मॉडरेटर के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ायी गयी। पैनल के सदस्यों में अशोक कुमार सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, यूपी-112, एसपी सिंह एवं सुनीता शर्मा, उपमहानिरीक्षकगण सम्मिलित रहे।प्रस्तुतीकरण एवं पैनल डिस्कशन से पूर्व डा. संजय तरडे, पुलिस महानिदेशक, दूरसंचारद्वारा पैनल के सदस्यों एवं सभागार में उपस्थित दर्शकों को स्थापना दिवस के सम्बन्ध में ब्रीफ किया गया तथा यूपी में वर्ष 1938 से हुए वायरलेस संचार परीक्षण होने से अभी तक की यात्रा पर एक लघु फिल्म प्रदर्शित की।
यूपी 112 में इन्टीग्रेशन की जानकारी दी गयी
राघवेन्द्र द्विवेदी, राज्य रेडियो अधिकारी द्वारा प्रस्तुतीकरण किया गया। पैनल के सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए 1961 में कन्ट्रोल रूम की स्वीकृति से लेकर यूपी 112 के गठन एवं वर्तमान तक की स्थिति को स्पष्ट किया गया। अशोक कुमार सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, यूपी 112 द्वारा यूपी-112 के उच्चीकरण के लिए प्रस्तावित फेज-।। योजना में ओला, उबर जैसी रीयल टाइम पीआरवी ट्रेकिंग सुविधा कॉलर को उपलब्ध होने का उल्लेख किया गया। साथ ही सवेरा योजना, महिला पीआरवी, फायर, जीआरपी, एम्बुलेन्स 108, महिला हेल्प लाइन 181, 1090, साइबर क्राइम, आदि सेवाओं के यूपी 112 में इन्टीग्रेशन की जानकारी दी गयी।
कानूनी वैधता स्थापित कराने जैसे उपायों पर दिये सुझाव
मंत्री द्वारा आपातकालीन सेवाओं में सुधार के लिए बसों में लगाये गये पैनिक बटन की डिजाइन का अध्ययन करने, 112 लिंक सेवा, पीआरवी रिस्पांस समय और कम करने, ओला टैक्सी में 112 सेवा के लिए इमरजेन्सी बटन की व्यवस्था, जोमेटो व स्वीगी जैसी सेवाओं के माध्यम से नागरिकों को जागरूक करने एवं एक्सीडेंट डाटा कलेक्शन करने, गूगल द्वारा एन्ड्रायड ऑपरेटिंग प्रणाली की कॉल का लोकेशन उपलब्ध कराने, नागरिक सुविधाओं के लिए प्रस्ताव तैयार करने, पुलिस व्हीकल्स का कस्टमाइज्ड डिजाइन तैयार करने, 112 सेवा की सीआरपीसी मैं कानूनी वैधता स्थापित कराने जैसे उपायों पर विचार करने के सुझाव प्रस्तुत दिये गये।
पीओसी प्रणाली के सफल प्रयोग की गई सराहना
असीम अरूण द्वारा अपने उद् बोधन में पुलिस रेडियो द्वारा कॉवड़ यात्रा 2023 में पुश टू टॉक ओवर सेल्युलर (पीओसी) प्रणाली के सफल प्रयोग की सराहना की गयी तथा वाराणसी में इसके प्रयोग के आशातीत परिणामों की अपेक्षा की। मंत्री द्वारा यूपी पुलिस में विभिन्न पदों एवं पुलिस रेडियो विभाग में पुलिस महानिरीक्षक पद पर दी गयी अपनी सेवाओं का उल्लेख करते हुए पुलिस कन्ट्रोल रूम की प्रभावशीलता एवं उसमें रेडियो कार्मिकों द्वारा दिये गये प्रभावशाली एवं उत्कृष्ट योगदान का विशेष रूप से उल्लेख किया गया। मंत्री द्वारा समाज कल्याण विभाग की गतिविधियों को और अधिक प्रभावी बनाये जाने हेतु एक कन्ट्रोल रूम बनाये जाने का उल्लेख करते हुए उसमें पुलिस रेडियो अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सहयोग की अपेक्षा की।
छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शनी का किया भ्रमण
पॉलीटेक्निक कॉलेज एवं स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा भी काफी संख्या में प्रदर्शनी भ्रमण किया गया। ज्ञातव्य हो कि एक अक्टूबर को मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं “श्री जगदीश चन्द्र बोस की स्मृति में आयोजित प्रदर्शनी” का भ्रमण कर छात्र-छात्राओं को भ्रमण कराने के निर्देश दिये गये थे।सोमवार को अपरान्ह में आयोजित सत्र में कुंवर राघवेन्द्र प्रताप सिंह, रेडियो निरीक्षक, लखनऊ द्वारा “पुलिस इकाइयाँ, एटीएस एवं एसटीएफ आदि में पुलिस रेडियो कार्मिकों और संचार उपकरणों का महत्व एवं उपयोगिता’” विषय पर प्रस्तुतीकरण किया गया।
मिशन क्रिटिकल आवश्यकताओं पर विचार व्यक्त किये
पैनल डिस्कशन में मॉडरेटर के रूप में अमिताभ यश, अपर पुलिस महानिदेशक, एसटीएफ द्वारा भाग लिया गया तथा पैनल के सदस्यों में मोहित अग्रवाल, अपर पुलिस महानिदेशक, एटीएस आशुतोष कुमार, पुलिस महानिरीक्षक, पीएसी एवं लक्ष्मण सिंह, अपर राज्य रेडियो अधिकारी सम्मिलित रहे।पैनल के सदस्यों ने पीएसी एसटीएफ एवं एटीएस विभागों की “मिशन क्रिटिकल आवश्यकताओं के सम्बन्ध में अपने विचार व्यक्त किये। आशुतोष कुमार द्वारा वर्तमान में उपलब्ध संचार को सन्तोषजनक बताते हुए बाढ़ नियंत्रण के लिए हैण्ड्स फ्री ऑपरेशन वाले वायरलेस सेट्स व्यवस्था की आवश्यकता बतायी गयी। साथ ही उल्लेख किया कि इस प्रकार के सेट हों कि आमजन सार्वजनिक स्थानों पर पुलिस वायरलेस सेट के वार्तालाप न सुन सकें।
हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर प्रणाली का होगा स्वागत
मोहित अग्रवाल द्वारा एटीएस) मिशन क्रिटिकल आवश्यकताओं” के दृष्टिगत भूमिगत लेवल-2 एवं 3 तलों पर मेश संचार जैसे नेटवर्क स्थापित कर फूलप्रूफ एवं फेलप्रूफ संचार की आवश्यकताओं का उल्लेख किया गया।अमिताभ यश द्वारा मॉडरेशन में पुलिस, विशेषकर एसटीएफ ऑपरेशन में “सेफ एण्ड सिक्योर कम्युनिकेशन” के अन्तर्गत वन-टू-वन कम्युनिकेशन विथ हैण्ड्स फ्री ऑपरेशन, ऑपरेशनल दलों का मुख्यालय से निरन्तर सम्पर्क, लाइव लोकेशन, लाइव फीड ट्रान्समिशन, कॉल रिकॉर्डिंग, आदि सुविधाओं से युक्त संचार व्यवस्था की आवश्यकता बतायी गयी। श्री यश के यह व्यक्त किया कि संचार 4जी, 5जी, सेटेलाइट पर आधारित हो सकता है। स्नूपिंग न हो इसके लिए “मेक इन इण्डिया” हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर प्रणाली का स्वागत होगा।