विनीत वर्मा, लखनऊ। साल 2024 में होने वाले चुनाव को लेकर कांग्रेस ने पार्टी के अंदर फेरबदल करना शुरू कर दिया है। ताकि लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल कर सके। इसी क्रम में गुरुवार को यूपी कांग्रेस का नया अध्यक्ष पूर्व विधायक अजय राय को बनाया गया है। अभी तक पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी प्रदेश के अध्यक्ष रहे। इनके बदले जाने को लेकर काफी दिनों से चर्चा यूपी में चल रहा थी। एक अक्टूबर को खाबरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
यह रहा इनका राजनीतिक सफर
जानकारी के लिए बता दें कि अजय राय प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं1969 में वाराणसी में पैदा हुए अजय राय ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत भारतीय जनता पार्टी से की थी। 1996 से लेकर 2009 तक अजय राय भाजपा से जुड़े रहे। 1996 में वाराणसी के कोलअसला विधानसभा से अजय राय विधायक बने। इसके बाद अजय राय से वाराणसी की कोलअसला विधानसभा सीट कोई छीन नहीं पाया। 1996 से 2009 तक लगातार अजय राय कोलअसला से विधायक रहे।
2009 में भाजपा नेताओं से मतभेद होने पर छोड़ दी पार्टी
इसके बाद 2009 में भाजपा नेताओं से मतभेद होने के चलते अजय राय ने पार्टी छोड़ दी थी। फिर अजय राय ने सपा का दामन थाम लिया। सपा में भी अजय राय ज्यादा दिनों तक नहीं ठहरे। फिर निर्दल चुनाव लड़े और पिंडरा से 2009 में विधायक बने। फिर अजय राय ने कांग्रेस का हाथ पकड़ते हुए पार्टी की सदस्यता ले ली। 2014 के लोकसभा चुनाव में अजय राय नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़े थे।
2014 के लोकसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर आये थे
2014 के लोकसभा चुनाव में अजय राय तीसरे स्थान पर आए थे। पिछले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी वाराणसी से पहले स्थान पर थे और आम आदमी पार्टी की तरफ से अरविंद केजरीवाल दूसरे पायदान पर थे। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में फिर से अजय राय पिंडरा की विधानसभा सीट से खड़े हुए। लेकिन यह चुनाव भी अजय राय हार गए। इसके बाद 2019 में फिर से पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, इसमें भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
मुख्तार अंसारी को सजा दिलाने की पैरवी की थी
जून महीने में मुख्तार अंसारी को सजा दिलाने की भूमिका में अजय राय की पैरवी रही। वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट में अवधेश राय हत्याकांड का फैसला सुनाने के दौरान मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दो बार पेश हुआ था। वह बांदा की जेल में बंद है।