लखनऊ । स्वास्थ्य विभाग में आये दिन नये-नये कारनामे देखने को मिलते है। कभी अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिलते तो कभी एम्बुलेंस। ऐसे में इसका खामियाजा कुल मिलाकर मरीजों और उनके तीमारदारों को भुगतना पड़ रहा है। कुछ ऐसी ही लापरवाही का मामला प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देखने को मिला। गर्भवती को प्रसव पीड़ा होने पर 108 एंबुलेंस को फोन किया गया लेकिन वह समय पर नहीं पहुंच पायी। ऐसे में महिला का सड़क पर ही गर्भपात हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस भी कुछ नहीं कर पायी। चूंकि प्रसव करा रही महिलाअों ने बताया कि एंबुलेंस के अलावा किसी वाहन से गर्भवती को अस्पताल नहीं ले जाया जा सकता है।

प्रसव पीड़ा और ब्लीडिंग अधिक होने के कारण कराया प्रसव

ब्लीडिंग अधिक होने के कारण गर्भवती के साथ आई एक दाई ने सड़क पर ही चोरो तरफ से ई रिक्शा से सहारे चादर ओढ़ाकर प्रसव कराया। इस कार्य में महिला सिपाहियों ने भी मदद की लेकिन प्रसव के बाद नवजात की मौत हो गई। इसकी पीछे बताया जा रहा है कि प्री म्यूचोर डिलीवरी होने के कारण ऐसा हुआ। प्रसव के बाद पुलिस ने प्रसूता को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया। यह घटना राजधानी में राजभवन क्षेत्र की है। जबकि यहां से कुछ ही दूरी पर सरकारी अस्पताल है। इसके बाद भी एम्बुलेंस नहीं पहुंच पायी। जबकि स्वास्थ्य विभाग के मंत्री द्वारा दावा किया जाता है कि 15 से बीस मिनट में एंबुलेंस फोन करने पर पहुंच रही है। जबकि हकीकत इसके उलट देखने को मिली। पुलिस कर्मी के फोन करने के करीब आधा घंटे बाद एंबुलेंस पहुंची।

चौकी इंचार्ज महिला पुलिस कर्मियों के साथ पहुंचकर की मदद

चौकी प्रभारी सचिवालय भानू प्रताप को सूचना मिलती है कि राजभवन के गेट के बाहर एक गर्भवती प्रसव पीड़ा से कराह रही है। कोई साधन न होने के कारण लोग घेरे हुए है। जानकारी मिलते ही चौकी प्रभारी महिला सिपाही के साथ मौके पर पहुंचे और एंबुलेंस को सूचित किया। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए अपना निजी वाहन बुला लिया और गर्भवती के साथ खड़ी महिलाओं से लेकर चलने को कहा। इस दौरान वहां पर मौजूद दाई ने बताया कि गर्भवती को प्रसव पीड़ा बहुत ज्यादा है और अत्यधिक ब्लीडिंग होने के कारण केवल एंबुलेंस से ही ले जाया जा सकता है। ऐसे में मजबूरी में महिलाओं ने सड़क पर चादर घेरकर प्रसव कराने का प्रयास किया।

एंबुलेंस का इंतजार करते-करते हो गया गर्भपात

एंबुलेंस का इंतजार करते-करते आधा घंटे से अधिक समय हो गया और महिला का इस दौरान गर्भपात हो गया।दाई के अनुसार करीब साढ़े चार व पांच माह का गर्भ था, प्रीमैच्योर डिलीवरी हुई है। इसके बाद कहीं जाकर एंबुलेंस पहुंची। महिला सिपाही मृदुला और दाई ने संयुक्त रूप से मिलकर प्रसूता को लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां पर चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। राजभवन गेट के सामने चादर उढ़ाकर प्रसव होते जिसने भी देखा वह स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था को कोसते नजर आया। जब राजधानी के अंदर स्वास्थ्य सेवाओं का यह हाल है तो ग्रामीण क्षेत्रों का क्या होगा।

बैंकुंठ धाम पहुंचकर डिप्टी सीएम ने कराया अंतिम संस्कार

इसका अंदाजा इस घटना से आसानी से लगाया जा सकता है। हालांकि इस शर्मशार घटना पर पर्दा डालने और लोगों की सहानुभूति पाने के लिए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक जानकारी मिलते ही अस्पताल पहुंचे। इसके बाद डिप्टी सीएम प्रसूता के पति के साथ बैकुंठ धाम गए और वहां पर शव को दफनाया। इस घटना को लेकर आम आदमी नहीं ने जनप्रतिनिधि भी व्यवस्था को कोसते नजर आये। टि्वटर पर सड़क पर प्रसव कराने की फोटो खूब वायरल हो रही है। वहीं डिप्टी सीएम के घटना के बाद तुरंत पहुंचने पर लोगों ने खूब सराहा भी।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी सरकार को घेरा

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर यूपी सरकार को घेरा है। उन्होंने लिखा, एक तो उप्र की राजधानी लखनऊ, उस पर राजभवन के सामने… फिर भी एम्बुलेंस के न पहुंचने की वजह से एक गर्भवती महिला को सड़क पर शिशु को जन्म देना पड़ा। मुख्यमंत्री जी इस पर कुछ बोलना चाहेंगे या कहेंगे ‘हमारी भाजपाई राजनीति के लिए बुलडोज़र जरूरी है, जनता के लिए एम्बुलेंस नहीं।

शिवपाल बोले-यह है स्वास्थ्य विभाग की असली हकीकत

इस मामले को लेकर सपा नेता शिवपाल यादव ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था अपने लाख विज्ञापनों व दावों के बावजूद वेंटिलेटर पर है। एम्बुलेंस न मिलने पर रिक्शे से अस्पताल जा रही गर्भवती महिला को राज भवन के पास सड़क पर प्रसव के लिए मजबूर होना पड़े, तो यह पूरी व्यवस्था के लिए शर्मनाक व सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था की असल हकीकत है।कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा, उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। मुख्यमंत्री आवास के क्षेत्र में महिला को जब इलाज नहीं मिल पाया। 4 दिन से एडमिट होने का प्रयास कर रही थी, मजबूरन सड़क पर निकल रहे लोगों ने सड़क पर प्रसव करवाया।

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