लखनऊ। 3 जुलाई ज्ञात मानव इतिहास का सबसे गर्म दिन साबित हुआ है। अमेरिका के नेशनल ओशनिक एंड एटमाॅस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने पृथ्वी की सतह से दो मीटर ऊपर हवा के वैश्विक तापमान को 17.01 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया।वहीं अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल प्रेडिक्शन ने मेन विवि के विश्लेषण के आधार पर 3 जुलाई को अब तक का सबसे ज्यादा औसत वैश्विक तापमान घोषित किया। इससे पहले पृथ्वी की सतह का सबसे अधिक तापमान 16.92 डिग्री सेल्सियस अगस्त 2016 में दर्ज किया गया था। एनओएए के मुताबिक अगले 6 हफ्तों के भीतर ही यह रिकार्ड टूट सकता है।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राॅबर्ट रोहडे कहते हैं अल नीनो और कार्बन डाइऑक्साइड के बढ़ते उत्सर्जन से धरती धधक रही है। अगर अब भी इसमें कमी नहीं की गई,तो पूरी पृथ्वी नर्क बन जाएगी। हर साल जीवाश्म ईंधन जलाने की वजह से 40 अरब टन कार्बन उत्सर्जन हो रहा है।ग्रांथम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट चेंज एंड द एन्वायरनमेंटल के वैज्ञानिक फ्रेड्रिक आट्रटो कहते हैं, हमने कोई ऐसा मील का पत्थर नहीं पार किया है।