लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आयी है। यहां पर एक बुजुर्ग महिला अपने नाती के शव के साथ आठ से दस दिन तक सोती रही। लोगों को इसकी जानकारी तब हुई जब शव की दुर्गंध से आसपास के लोगों का जीना हराम हो गया। सूचना पर पुलिस पहुंची और घर का दरवाजा खोलकर अंदर का मंजर देखा तो दंग रह गई। कमरे के अंदर एक सफेद चादर में लाश लपटी हुई थी और पास में एक विस्तर लगा हुआ था। घर के अंदर एक 65 साल की वृद्धा मिली। शव के बच्चे का था जो रिश्ते में उसकी नाती लगता था और वह नानी है। महिला की मानिकस दशा ठीक नहीं पायी गई। ऐसे में उसकी पुत्री को मौके पर बुलाया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।

पूरी तरह से सड़ चुका था किशोर का शव

बुजुर्ग महिला का नाम मिथिलेश कुमारी उर्फ रानी है। वह अपने 17 साल के नाती के साथ रह रही थी। पुलिस ने दरवाजा खोला तो पूरी दुर्गंध घर के बाहर आने से पूरा इलाका बदबू करने लगा। चूंकि शव पूरी तरह से सड़ चुका था। इसके बाद नानी उसके साथ रह रही थी। पूछताछ में महिला का जवाब व व्यवहार सामान्य नहीं दिखा। मुहल्लेवालों ने भी बताया कि बुजुर्ग महिला कभी किसी से बात नहीं करती थी। विक्षिप्त अवस्था में दिख रहीं मिथिलेश जब पुलिस को मौत के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सकीं तो उनकी बड़ी पुत्री ममता जिनकी शादी लखीमपुर खीरी में हुई थी बुलाया गया। उन्होंने ही मिथिलेश कुमारी और उस युवक के बारे में जानकारी दी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं हो पाया मौत को कारण

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा तो डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि किशोर की मौत आठ से दस दिन पहले हो चुकी है थी। साथ ही पोस्टमार्टम में भी किशोर की मौत कैसे हुई इसके बारे में भी कुछ वजह पता नहीं चल पायी है। शव इतना गल गया था कि उसमें कुछ डॉक्टर भी नहीं बता पाये।

अब पुलिस इस रहस्यमय मौत के कारणों का पता लगाने के लिए उसकी मां से पूछताछ करने के साथ-साथ अन्य जांच पड़ताल भी कर रही है। चूंकि इस घर में कई रहस्यमय मौतें हो चुकी है। 65 साल वृद्वा की दो शादियां हुई हैं। पहली शादी से उन्हें दो लड़के और दो लड़कियां हुईं। पहले पति की मौत हुई। बाद में एक बेटी और दामाद की। बेटी दामाद के मरने के बाद उनका यह बच्चा नानी के साथ आकर रहने लगा।

इस घर में हो चुकी है कई रहस्यमय मौतें

बेटी और दामाद की मृत्यु के बाद उनके दो बेटे एक के बाद एक लापता हो गए। दीपू और अरुण नाम के दोनों बेटे विवाहित थे। वह घर से निकले और कभी भी लौटकर नहीं आए। चार में से तीन संतानों के निधन के बाद मिथिलेश उर्फ रानी देवी नाम की यह वृद्वा बदहवास सी रहने लगीं। अभी उनकी सिर्फ एक ही बेटी ममता जीवित है। ममता ने बताया कि बीते दस वर्षों के दौरान रानी देवी के पुत्र दीपू बरेली से और अरुण बाराबंकी से संदिग्ध हालातों में लापता हो गए थे।

वह दोनों विवाहित थे। उनकी पत्नियों ने कुछ समय तक तो उनका इंतजार किया। बाद में वह इस घर को छोड़कर अपने-अपने मायके चली गईं। अपने पहले पति के मरने के बाद रानी देवी ने दूसरा विवाह संत नारायण वर्मा से किया। वह आरपीएफ में थे। उनसे और रानी से कोई संतान नहीं हुई। दूसरे पति के मरने के बाद उनकी पेंशन से रानी देवी का गुजारा चलता रहा। रानी के साथ ही उनका नाती रह रहा था।

किशोर का कभी साथ नहीं छोड़ती थी नानी

बुजुर्ग महिला की बड़ी बेटी ममता ने बताया कि दोनों बेटों के गायब हो जाने और एक बेटी और दामाद की मौत के बाद बुजुर्ग महिला रानी देवी बहुत ही टूट चुकी थी और मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुकी थी। परिवार में इतने लोगाें को खोने के बाद इसलिए वह कभी अपनी नाती प्रियांशु को एक पल के लिए अपने से अलग नहीं करती थी।

हर पर उसके साथ साये की तरह रहती थी। उम्र उसकी 17 साल की भले हो गई थी लेकिन वह उसे अकेले कहीं भेजती नहीं थी। महिला की मानसिक दशा ठीक न होने के कारण पुलिस ने जब बताया कि प्रियांशु मर चुका है तो उसे यकीन नहीं हो रहा था। इंस्पेक्टर संजय मौर्य ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है। फिलहाल महिला अपने घर पर है जो कुछ बता पाने में सक्षम नहीं है।

मौसी से शव लेने से मना किया तो पुलिस ने किया अंतिम संस्कार

प्रियांशु का शव पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचा तो उसकी मौसी ने शव लेने से इंकार कर दिया। नानी की हालत ऐसी नहीं थी कि उसे दी जाए। चूंकि नानी मानने को तैयार ही नहीं थी कि उसके नाती की मौत हो चुकी है। ऐसे में पुलिस ने सोमवार की देर शाम प्रियांशु के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। शुरूआती जांच में जब पता चला कि बुजुर्ग महिला मनोरोगी है तो उसे भी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह पूरा मामला बाराबंकी की नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहरीपुरवा मोहल्ले की है।

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