लखनऊ । सनातन धर्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में जुटी विश्व प्रसिद्ध प्रकाशन संस्थान गीता प्रेस को वर्ष 2021 का गांधी शांति पुरस्कार देने का ऐलान किया गया है। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने इस संबंध में फैसला लिया। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से इसका ऐलान किया गया है।गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने के एलान के साथ ही अब इस पर सियासत शुरू हो गई है।

सरकार और विपक्ष पार्टी के नेताओं के बीच वार-पलटवार का दौर शुरू हो गया।कांग्रेस पार्टी ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने को सावरकर और गोडसे को पुरस्कृत करने जैसा बताया है।संस्कृति मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली जूरी ने सर्वसम्मति से गांधी शांति पुरस्कार के प्राप्तकर्ता के रूप में गीता प्रेस का चयन करने का निर्णय लिया।गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस, गोरखपुर को अहिंसक और अन्य गांधीवादी तरीकों के माध्यम से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की दिशा में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया जाएगा।

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