लखनऊ । उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम पर साइबर हमले से सर्वर हैक होने की गाज परिवहन निगम के एमडी संजय कुमार पर गिरी है। शासन ने उन्हें हटाते हुए प्रमुख सचिव वेंकटेश्वर लू को उनका कार्यभार सौंप दिया है। सरकार इस बात से ज्यादा नाराज थी कि तीन दिन बाद भी अब तक वेबसाइट दुरस्त नहीं हो पाई है और ई टिकटिंग व्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ी है। जिसके चलते परिवहन विभाग को जहां चूना लग रहा है वहीं इसका असर सवारियों पर भी पड़ रहा है। इसमें सुधार करने में फेल होने पर यह कार्रवाई की गई।
परिवहन निगम के सर्वर पर मंगलवार को हुआ था हमला
जानकारी के लिए बता दें कि परिवहन निगम के सर्वर पर मंगलवार को साइबर हमला हुआ था। हैकर्स ने सर्वर पूरी तरह से हैक कर लिया और डाटा रिलीज करने के लिए 40 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी बिटक्वाइन के जरिए मांगी। निगम की वेबसाइट को हैक कर लिया गया। मामला साइबर थाने में दर्ज कर लिया गया है। उधर एक्सपर्ट की टीम डाटा रिकवर करने में जुटी है पर अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है। अहम बात यह है कि शुक्रवार तक भी यह डाटा रिकवर नहीं हो पाया और वेबसाइट चालू नहीं हुई। इसका परिणाम यह रहा कि ई टिकटिंग व्यवस्था पूरी तरह से ठप है। उधर रोडवेज में प्रतिमाह लगभग 18 हजार ई टिकट बुक होते हैं। आशंका यह भी कहीं हैकर्स इनका इस्तेमाल कर ठगी न शुरू कर दें। चूंकि इनकी यूजर आईडी और डाटा भी हैकर्स के पास पहुंच चुका है।
पहले टिकट बुक करा चुके यात्रियों का वापस नहीं हो रहा पैसा
परिवहन विभाग का सर्वर हैक होने के कारण उन यात्रियों के सामने सबसे बड़ी समस्या खड़ी हो गई है जो पहले से ही टिकट बुक करा चुके थे। अब सर्वर हैक होने से न तो वह यात्रा कर पा रहे है और न ही उनका पैसा वापस हो पा रहा है। ऐसे में यात्री अपने आपको ठगा महसूस कर है, क्योंकि उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। चूंकी सर्वर हैक होने से इलेक्ट्रानिक टिकट बनना बंद हो गया है। अब केवल मैनुअली टिकट बनाया जा रहा है। वहीं जो टिकट बुक कराने वाले यात्री परिवहन विभाग का चक्कर काट रहे लेकिन उनका पैसा रिफंड नहीं हो पा रहा है।