भगवान शंकर की नगरी काशी में शनिवार को तीन सौ साल पुरानी चिता भस्म की होली की परम्परा को निभाने काशीवासियों का हुजूम महाश्मशान मर्णिकर्णिका घाट पर उमड़ पड़ा। धधकती चिताओं के बीच चिता भस्म की होली खेली। इस मौके पर योगी सरकार की तरफ से सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए।

ढोल-नगाड़े और डमरूओं के निनाद के बीच हजारों शिव भक्तों की टोलियां महाश्मशान पर चिताओं के भस्म की होली खेलने पहुंचे। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के पास स्थित इस महाश्मशान पर इस ऐतिहासिक और पौराणिक मान्यताओं वाली विश्व की अनूठी होली को कैमरों में कैद करने की होड़ मच गई। शिव-पार्वती के स्वरूप के साथ पहुंचे भोलेनाथ के गणों ने चिताओं की भस्म से होली खेलनी शुरू कर दी।

अद्भुत और अलौकिक होली

संगीत की धुनों पर थिरकते काशी के लोग चिता भस्म को शरीर पर लपेटे जा रहे थे। यह जानते हुए कि कल इसी भस्म में उनका शरीर भी तब्दील हो जाना है। आध्यात्म की गहराइयों का अहसास कराती यह होली दूर दराज के शवयात्रा में आये लोगों को अजीब भी लग रही थी। आश्चर्य हो रहा था कि जहां लाशों के ढेर लगे हों, अपनों के खोने के गम में डूबे परिजन उनका अंतिम संस्कार कर रहे हों । ऐसे में हंसना और नाचना कितना मुश्किल है और यहां तो उन्हीं चिताओं की भस्म लपेटकर लोग होली मना रहे हैं।

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