उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिये लागू यात्री राहत योजना में प्रदान की जाने वाली सहायता राशि को डेढ़ गुना किया गया है। अब मृत्यु की स्थिति में सहायता राशि को पांच लाख से बढ़ाकर सात लाख कर दिया गया है। अवयस्क को ढाई लाख से बढ़ाकर पौने चार लाख किया गया है। जिन बच्चों का टिकट नहीं लगता है उनके लिए सवा लाख से बढ़ाकर करीब पौने दो लाख किया गया है। स्थायी विकलांगता होने पर सहायता राशि पहले जैसी ही रहेगी।

घायलों को तत्काल 25 हजार की दी जाएगी सहायता राशि

इसके अलावा गम्भीर घायलों होने की स्थिति में 25 हजार तात्कालिक सहायता दी जायेगी तथा इलाज पर खर्च हुई धनराशि पर साढ़े सात लाख तक प्रतिपूर्ति की व्यवस्था की गयी है। परिवहन निगम में कार्यरत महिला कर्मचारियों को शासनादेश के अनुरूप बाल्य देखभाल अवकाश अनुमन्य कर दिया गया है। सरकार का यह फैसला महिला कर्मचारियों के लिए राहत भरी है। इससे परिवहन की तरफ महिलाओं का रूझान बढ़ेगा।

अब 34 सीट की बसों का भी हो सकेगा अनुबंध

परिवहन निगम में अनुबंधित मिड-सेग्मेन्ट वातानुकूलित बसों की योजना में अब तक 40 सीटर बसे अनुमन्य थी। लेकिन अब 34 सीटर तक बसों को अब अनुबंध किया जा सकेगा। 10 से 24 बसे लगाने पर 7.50 रुपया प्रति किलोमीटर के प्रशासनिक शुल्क में 25 पैसे प्रति किलोमीटर की छूट तथा 25 से 50 बस लगाने वाले वाहन स्वामी को 50 पैसे प्रति किलोमीटर की छूट अनुमन्य होगी। यही व्यवस्था हाई एण्ड बसों पर लागू की गयी है। 5 से 9 बसे लगाने पर 8.00 रुपए प्रति किलोमीटर के प्रशासनिक शुल्क 25 पैसे की छूट व 10 या अधिक बस लगाने पर 50 पैसे की छूट अनुमन्य होगी।

15 साल से अधिक पुरानी बसे अब सड़कों पर नहीं चलेंगी

जानकारी के लिए बता दें कि परिवहन निगम के बस बेडे की 15 वर्ष से अधिक की उम्र की समस्त बसों को संचालन को रोक दिया गया है। लखनऊ विकास प्राधिकरण से जानकीपुरम स्थित भूमि से निगम बसों का संचालन सीतापुर मार्ग पर प्रारम्भ करने की पहल के प्रस्ताव पर अनुमोदन प्रदान करते हुए बस अड्डे के प्रांगड़ को ठीक किये जाने एवं चाहरदीवारी बनाई जायेगी।

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