लखनऊ। उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण ईको टूरिज्म स्थल दुधवा नेशनल पार्क में शीघ्र ही भ्रमण के साथ-साथ रोचक कहानियां सुनने का भी मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड ने इसका पूरा खाका खींच लिया है। नेचर गाइड्स का तीन बाद गुरुवार से प्रशिक्षण शुरू हो गया है। शनिवार, यानी 06 दिनों तक प्रतिदिन 10-10 घंटे ट्रेनिंग दी जाएगी।
स्टोरी टेलिंग की कला भी सिखाई जा रही
प्रशिक्षण में मार्निंग वाक से लेकर शाम तक युवाओं को यहां के नैसर्गिक सौंदर्य, वन्यजीव व अन्य विशेषताओं से परिचित कराया जाएगा। इसके साथ ही स्टोरी टेलिंग की कला भी सिखाई जा रही है। पर्यटकों को यह सुविधा दुधवा के बाद कतर्नियाघाट और पीलीभीत टाइगर रिजर्व आदि पर्यटक स्थलों पर भी मिलेगी। यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने सोमवार को दी।
स्थानीय युवाओं की स्किल डेवलप होगी
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश का नैसर्गिक सौंदर्य अद्भुत है। यहां पारिस्थिकीय पर्यटन (इको टूरिज्म) की असीम संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड का गठन किया गया है। बोर्ड ईको टूरिज्म की संभावनाओं को धरातल पर उतार रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर दुधवा, कतर्नियाघाट व पीलीभीत टाइगर रिजर्व आदि स्थलों पर नेचर गाइड की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके तीन महत्वपूर्ण लाभ हैं। पहला कि स्थानीय युवाओं की स्किल डेवलप होगी।
पर्यटकों को प्रशिक्षित गाइड की सुविधा मिलेगी
दूसरा कि पर्यटकों को प्रशिक्षित गाइड की सुविधा मिलेगी और तीसरा स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। नेचर गाइड के लिए उम्र सीमा 18 से 35 वर्ष और न्यूनतम शिक्षा इंटर निर्धारित की गई हैं।पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण पाठ्यक्रम ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड, मान्यवर कांशीराम इंस्टीट्यूट ऑफ टूरिज्म मैनेजमेंट एमकेआइटीएम और द नेचुरलिस्ट स्कूल द्वारा पाठ्यक्रम तैयार किया गया है।