लखनऊ । राजधानी के गुडंबा के चक गांव से अचानक लापता दुर्गेश यादव शव (कंकाल) गुरुवार को बाराबंकी के फतेहपुर के जंगल में मिला है। मृतक की पहचान परिजनों ने कंकाल के पास मिले कपड़े और चप्पल से की है। फतेहपुर पुलिस ने पंचनामा भर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिजनों के मुताबिक युवक का देवा की एक युवती से प्रेम प्रसंग था। गांव के एक युवक और युवती ने मिलकर दुर्गेश की हत्या कर दी। पुलिस इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है।

कुछ देर बाद आने के बात कहकर 7 अगस्त को घर से निकला था

परिजनों के मुताबिक 7 अगस्त को किसी का फोन आने दुर्गेश कुछ देर में आने की बात कहकर चला गया था। देर रात तक घर नहीं आने पर उससे संपर्क किया गया तो उसका फोन बंद था। दूसरे दिन परिचितों और रिश्तेदारों में तलाश करने पर भी उसका कुछ पता नहीं चला।

अन्त में निराश होकर गुडंबा थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी। साथ ही पुलिस से दुर्गेश के बारे में जल्द से जल्द पता करने की गुहार लगाई। परिजनों का आरोप है कि इस संबंध में बेहटा चौकी से कोई प्रयास नहीं किया । बेटे की तलाश में जुटे परिजनों को पता चला कि दुर्गेश गांव के ही एक युवक मनीष रावत के साथ उसकी बाइक से देवा में लड़की से मिलने गया था।

कपड़े और चप्पल से परिजनों ने दुर्गेश के रूप में की पहचान

परिजनों से मिली जानकारी पर पुलिस ने युवक और युवती से पूछताछ की। मनीष ने दुर्गेश के साथ जंगल में जाने की बात स्वीकार भी की लेकिन पुलिस ने मनीष को छोड़ दिया। वहीं, बेटे को जंगल में तलाश रहे परिजनों को बृहस्पतिवार सुबह एक कंकाल दिखाई दिया।

कंकाल के पास पड़े कपड़े और चप्पल से परिजनों ने दुर्गेश के रूप में उसकी पहचान की।इंस्पेक्टर गुडंबा नितीश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सभी बिंदुओं पर जांच हो रही थी। इस मामले में प्रकाश में आए मनीष, युवती और अन्य लोगों से भी पूछताछ की गई थी। जांच में लापरवाही के आरोप गलत है। पुलिस जल्द ही इस घटना का पर्दाफाश करेगी।

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