लखनऊ। यूपी जल निगम ग्रामीण के महानिदेशक (आईएएस) डाॅ. राजशेखर ने सीतापुर में ट्रायल के दौरान पानी की टंकी धराशाही होने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने मानक विहीन पानी टंकी बनाए जाने के मामले में अधिशासी अभियंता आलोक पटेल और सहायक अभियंता विनोद को निलंबित कर दिया है। जबकि जेई को बर्खास्त करने की कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराई जा रही है। ठेकेदार समेत अन्य जिम्मेदारों की लापरवाही के आधार पर कार्यवाही प्रचलित है।

महोली के गांव चितहला का मामला

उल्लेखनीय है कि उप्र के सीतापुर जनपद में जल जीवन मिशन के तहत विकासखंड महोली के गांव चितहला में पानी की टंकी का निर्माण किया गया था। इसमें तीन करोड़ 75 लाख रुपये की लागत आई थी। बीते रविवार को पानी की टंकी का पेयजल की सप्लाई को लेकर ट्रायल किया गया। ट्रायल के दौरान ही भरभराकर करोड़ों की लागत से बनी पानी की टंकी जमींदोज हो गई। पानी की टंकी के साथ ही बाउंड्री वॉल भी पूरा गिर गयी।

जांच के आधार पर की गई कार्रवाई

गनीमत यह रही कि थोड़ी दूर पर मौजूद गार्ड इसकी चपेट में नहीं आए वर्ना बड़ा हादसा हो सकता था। इस मामले में जिला स्तर पर एसडीएम अभिनव यादव ने जांच कर पूरी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपी थी। इस रिपोर्ट को जिलाधिकारी द्वारा शासन को भेजा गया था। रिपोर्ट के आधार पर उप्र जल निगम ग्रामीण के महानिदेशक डाॅ. राजशेखर ने उक्त कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं।

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