मीरजापुर। प्रसिद्ध लोकगीत गायिका 70 वर्षीय अजीता श्रीवास्तव का आवास विकास कालोनी स्थित आवास पर शनिवार की शाम निधन हो गया। वे कुछ महीने से बीमार थीं।अजीता श्रीवास्तव का जन्म वाराणसी जनपद में हुआ था। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से परास्नातक, गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीएड व प्रयाग संगीत समिति से संगीत प्रभाकर कर संगीत में महारत हासिल की। वर्तमान समय में आर्य कन्या इंटर कॉलेज में प्रवक्ता पद से सेवानिवृत्त हो चुकी थी। इन्होंने साहित्य के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दिया।

भोजपुरी लोक संगीत की उच्च श्रेणी की गायिका रही

अजीता श्रीवास्तव आकाशवाणी वाराणसी के भोजपुरी लोक संगीत की उच्च श्रेणी की गायिका रही हैं। लखनऊ दूरदर्शन, संस्कृत विभाग, संगीत नाटक अकादमी उत्तर प्रदेश, मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, सूचना विभाग, पर्यटन विभाग, भारतीय संस्कृति संबंध परिषद तथा टी-सीरीज कंपनी में अपनी प्रस्तुति दे चुकी हैं। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा 2017 लोक गायन के क्षेत्र में अकादमी पुरस्कार के साथ ही उन्हें 2022 में पद्मश्री से नवाजा जा चुका है।

कला जगत और जनपद के लिए अपूरणीय क्षति : अनुप्रिया पटेल

केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अजीता श्रीवास्तव के निधन पर शोक व्यक्त कर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कहा कि पद्मश्री अजीता श्रीवास्तव का निधन का बहुत ही दुखद है। मीरजापुर का नाम उन्होंने पूरे देश में रोशन किया। उनका जाना कला जगत और जनपद के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे एवं उनके परिवार को इस दुख की घड़ी में संबल दे, शक्ति दे।

अजिता श्रीवास्तव के बारे में जाने

वाराणसी में जन्मी और बीएचयू से एमए, बीएड (संगीत) करने के बाद अजिता का शादी मिर्जापुर जिलें के नरायनपुर ब्लाक के फरहदां गांव के रहने वाले रास बिहारी लाल के साथ हुआ था। इसके बाद अजिता मिर्जापुर आवास विकास में रहने लगी । यही से उन्हें आर्यकन्या पाठशाला में टीचर की नौकरी मिल गई। संगीत के शौक के नाते अजिता ने 1977 में टीचर के पेशे के साथ कजली गायन की शुरुआत की । कड़ी मेहनत के चलते अजिता श्रीवास्तव पद्मश्री पुरस्कार हासिल की। रिटायर होने के बाद भी घर पर कजरी बच्चों को सिखाती रहीं

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