लखनऊ। उत्तर प्रदेश में निरंतर वर्षा से शारदा, राप्ती, गण्डक नदियों का जलस्तर बढ़कर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। सोमवार को नेपाल की सीमा से जुड़े जनपदों लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, सिद्धार्थनगर और श्रावस्ती में नदियां ऊफान मार रही है। वहीं पीलीभीत जनपद में शारदा नदी के बढ़े जलस्तर से रेलवे लाइन की पुलिया की मिट्टी बहाव में बह गई।

पलियांकलां के गावों में अलर्ट

लखीमपुर खीरी के पलियांकलां में शारदा नदी का जलस्तर 154.68 मीटर पर पहुंच चुका है, जो खतरे के निशान से .90 मीटर ज्यादा है। नदी का जलस्तर खतरे के निशान पार करने पर पलियांकलां के गावों में अलर्ट कर दिया गया है। वहीं खीरी के ही शारदानगर हिस्से में शारदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र .69 मीटर ही बाकि रह गया है। वहां भी ग्रामीणों को सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है।

राप्ती का जलस्तर खतरे का निशान पार

उत्तर प्रदेश में राप्ती नदी अपने ऊफान पर है। श्रावस्ती जनपद में काकरधारी और भिनगा दो स्थानों पर नदी तट बने है। जिसमें भिनगा क्षेत्र में राप्ती का जलस्तर खतरे का निशान पार कर गया है। भिनगा में राप्ती नदी 119.88 मीटर पर बह रही है, जो सामान्य से .38 मीटर ऊपर है। वहीं काकरधारी क्षेत्र में राप्ती का जलस्तर खतरे के निशान से .96 मीटर ही नीचे है।

बूढ़ी राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ा

गण्डक नदी का बहाव उत्तर प्रदेश से बिहार की ओर है। यह नदी कुशीनगर जनपद के खड्डा क्षेत्र में खतरे के निशान से .25 मीटर ऊपर बह रही है। इसी तरह बूढ़ी राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ है, सिद्धार्थनगर के ककरही क्षेत्र में नदी .80 मीटर ऊपर बह रही है। इसी तरह अयोध्या में सरयू नदी का भी जलस्तर बढ़ा है। सरयू अभी खतरे के निशान से एक मीटर नीचे है।

आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें लग गयी

उत्तर प्रदेश में नदियों के जलस्तर बढ़ने से गहराये संकट में आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें लग गयी है। श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर में राप्ती और बूढ़ी राप्ती नदियों के जलस्तर बढ़ने के बाद गांवों में फंसेे ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू आपरेशन चलाया गया। वहीं पीलीभीत में रेलवे लाइन की पुलिया के बहने की सूचना मिलते ही आपदा प्रबंधन की टीम वहां पहुंची। फिर भी रेलवे प्रबंधन की ओर से रेलवे लाइन के निर्माण के लिए समय मांगा गया है।

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