लखनऊ। वरिष्ठ आईएएस मनोज कुमार सिंह उत्तर प्रदेश के नये मुख्य सचिव बनाये गये हैं। सन 1988 बैच के आईएएस मनोज कुमार सिंह ने शनिवार की शाम को मुख्य सचिव का पदभार संभाल लिया है।उन्होंने रविवार शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि दुर्गा शंकर मिश्रा को एक बार और सेवा विस्तार मिल सकता है। कयास के उलट मनोज कुमार सिंह प्रदेश के मुख्य सचिव बने। मनोज कुमार सिंह मुख्य सचिव और दोनों रहेंगे।
सीएम योगी ने मनोज कुमार सिंह पर जताया भरोसा
आईएएस अधिकारी मनोज कुमार सिंह की पहचान ‘परफॉर्मर’ की रही है। सीनियर मोस्ट अधिकारी के रूप में सुदीर्घ अनुभव, दक्षता, कर्तव्यपरायणता, डिलीवरी देने की क्षमता, कॉम्पिटेंसी के साथ मनोज कुमार सिंह ब्यूरोक्रेसी में एक प्रतिष्ठित नाम है। और यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने अब तक के कार्यकाल में मनोज कुमार सिंह पर लगातार भरोसा जताया है। इनके बारे में कहा जाता है कि ‘डिलीवरी ऑन टाइम’ के योगी मंत्र को मनोज कुमार सिंह ने आत्मसात कर लिया है।
प्रदेश में कई महत्वपूर्ण पदों की निभा चुके हैं जिम्मेदार
वर्तमान में प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त जैसे नीतिगत विषयों से जुड़े दो अति महत्वपूर्ण पदों का दायित्व निर्वहन कर रहे मनोज कुमार सिंह अपर मुख्य सचिव पंचायती राज, खाद्य प्रसंस्करण, यूपीडा और उपशा के चेयरमैन तथा पिकप अध्यक्ष जैसे प्रदेश के विकास को गति देने वाले अति वरिष्ठ पदों की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। कोविड काल में पहले टीम 11 और फिर टीम 9 में शामिल मनोज कुमार सिंह ने गाँवों में कोविड प्रसार को नियंत्रित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
2019 में दिव्य-भव्य कुंभ बनाने में रही इनकी महत्वपूर्ण भूमिका
‘बैंकिंग एट योर डोर’ की परिकल्पना को साकार करने वाली मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘बीसी सखी’ योजना आज पूरे देश में मॉडल के रूप में स्वीकारी जा रही है। इसकी रूपरेखा तैयार करने से लेकर क्रियान्वयन तक उनका बड़ा योगदान है। यह एक योजना महिला स्वावलम्बन और वित्तीय समावेशन का अद्भुत उदाहरण बन कर राष्ट्रीय पटल पर प्रशंसा पा रही है। 2019 के दिव्य-भव्य कुंभ को ग्लोबल इवेंट बनाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों को सफल बनाने में मनोज कुमार सिंह की बड़ी भूमिका है।
खुले में शौच से मुक्त बनाने में रहा अहम रोल
बतौर नोडल अधिकारी कुंभ-2019 से जुड़ी हर एक तैयारी, इन्हीं के नेतृत्व में क्रियान्वित हुई। अब इस बार मुख्य सचिव के रूप में महाकुंभ 2025 के सफलतापूर्वक आयोजन में इन्हीं अनुभवों का लाभ मिलेगा।अपर मुख्य सचिव पंचायती राज के रूप में मनोज कुमार सिंह ने सीएम योगी के मिशन को धरातल पर उतारा। आज उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपद खुले में शौच से मुक्त घोषित हैं और सबसे ज्यादा शौचालय उत्तर प्रदेश में बनाये गए तो इसमें सबसे महत्वपूर्ण भूमिका इन्हीं की है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के हर चरण में नेतृत्वकर्ता की भूमिका में रहे
40 लाख करोड़ से अधिक का निवेश उत्तर प्रदेश में लाने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के हर चरण में मनोज कुमार सिंह नेतृत्वकर्ता की भूमिका में रहे। जीएसटी से पहले योगी का संदेश लेकर विभिन्न देशों में गई ‘टीम यूपी’ में मनोज कुमार सिंह प्रमुखता से शामिल थे, तो जीआईएस मुख्य समारोह के आयोजन में भी आपकी प्रभावी भूमिका रही।
फरवरी 2024 में जब 10 लाख करोड़ रुपयों की परियोजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए जीबीसी फोर आयोजित हुआ, तब आप अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त के रूप में पूरे आयोजन के सूत्रधार रहे। महिला स्वयं सहायता समूहों के विस्तार के साथ-साथ ‘टेक होम राशन’ जैसी बाल विकास की योजना के शुचितापूर्ण क्रियान्वयन में भी मनोज कुमार सिंह ने बड़ी भूमिका निभाई है।
मूल रूप से बिहार के रोहतास जिले के रहने वाले हैं नए मुख्य सचिव
नए मुख्य सचिव का कार्यकाल अगले साल जुलाई तक है। मनोज सिंह मूल रूप से बिहार के रोहतास जिले मझुई गांव के रहने वाले हैं। हालांकि उनकी शिक्षा-दीक्षा रांची में हुई है। मनोज सिंह को मुख्यमंत्री के भरोसेमंद अफसरों में शुमार किया जाता है। वह इससे पहले वह ललितपुर, गौतमबुद्धनगर, पीलीभीत और मुरादाबाद के डीएम रह चुके हैं।
इसके अलावा ग्राम विकास आयुक्त, मुरादाबाद के मंडलायुक्त और केन्द्र में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय में संयुक्त सचिव भी रहे। मनोज कुमार सिंह ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से पढ़ाई की है। उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर साइंस से 1983-86 बैच में बीएससी की। फिर 1988 में शस्य विज्ञान (एग्रोनॉमी) में एमएससी करके आईएएस बन गए।