लखनऊ । यूपी में योगी मंत्रिपरिषद ने अयोध्या स्थित तहसील सदर के ग्राम मांझा जमथरा की नजूल भूमि गाटा-57 मि. जुमला में टाटा ग्रुप के सहयोग (सीएसआर फण्ड) द्वारा विश्वस्तरीय मन्दिर संग्रहालय के निर्माण एवं संचालन के लिए भूमि के उपयोग का 90 वर्ष का लाइसेंस एक रुपये प्रतिवर्ष की टोकन दर पर दिए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। विश्वस्तरीय मन्दिर संग्रहालय के निर्माण एवं संचालन के लिए संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार एवं टाटा संस प्रा.लि. के मध्य त्रिपक्षीय एमओयू को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हस्ताक्षरित किए जाने के प्रस्ताव को भी मंत्रिपरिषद ने स्वीकृति दे दी है।

विदेशी पर्यटकों के आगमन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य

मंगलवार को योगी मंत्रिपरिषद द्वारा उक्त एमओयू को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से हस्ताक्षरित करने हेतु अधिकारी नामित करने के लिए प्रमुख सचिव पर्यटन, उ.प्र. शासन को अधिकृत किया गया है। प्रकरण में आवश्यकतानुसार अग्रेतर निर्णय लिए जाने हेतु मंत्रिपरिषद द्वारा मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।विविध पर्यटन आकर्षणों की दृष्टि से उत्तर प्रदेश भारत का सबसे महत्वपूर्ण राज्य है। भारत में घरेलू पर्यटकों एवं विदेशी पर्यटकों के आगमन की दृष्टि से उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य है। अपनी गौरवशाली ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासतों तथा समृद्ध प्राकृतिक वन सम्पदा की दृष्टि से उत्तर प्रदेश में पर्यटन की असीम सम्भावनाएं विद्यमान हैं।

22 जनवरी से प्रतिदिन 2 से 4 लाख पर्यटक अयोध्याधाम आ रहे

भगवान श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या एक विश्वस्तरीय धार्मिक एवं आध्यात्मिक पर्यटन गन्तव्य के रूप में विकसित हो रहा है। अयोध्या में वर्ष 2021 में लगभग 1.58 करोड़ पर्यटक आये थे। वर्ष 2022 में लगभग 2.40 करोड़ तथा वर्ष 2023 में लगभग 5.75 करोड़ पर्यटक आये थे। 22 जनवरी, 2024 को श्री राम जन्मभूमि प्रांगण में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के उपरान्त अयोध्या आने वाले पर्यटकों की संख्या में अभूतपूर्व गुणात्मक वृद्धि हुई है। 22 जनवरी, 2024 से प्रतिदिन लगभग 2 से 4 लाख पर्यटक अयोध्याधाम आ रहे हैं।

वर्तमान में अयोध्या आने वाले पर्यटकों का मुख्य आकर्षण केन्द्र श्रीराम जन्मभूमि परिसर एवं समीपवर्ती स्थित कनक भवन, हनुमान गढ़ी एवं अन्य धार्मिक स्थल हैं। यह पर्यटक धार्मिक पूजा-अर्चना हेतु श्रद्धाभाव से अयोध्या आते हैं। नई पीढ़ी के युवाओं, विदेशी पर्यटकों, भारतीय सभ्यता और संस्कृति में रूचि रखने वाले अन्य पर्यटकों को अयोध्या के प्रति आकर्षित करने हेतु आवश्यक पर्यटक गन्तव्य का वर्तमान में अयोध्या में एक प्रकार का अभाव है।

करीब 750 करोड़ की लागत से बनेगा मंदिर संग्रहालय

टाटा संस द्वारा अयोध्या में भारतीय मन्दिर संग्रहालय के निर्माण के लिए सीएसआर फण्ड से लगभग 650 करोड़ रुपये का व्यय तथा प्रश्नगत भूमि में आधारभूत अवस्थापना सुविधाओं एवं साइट के विकास के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये का व्यय किया जाना सम्भावित है। इस प्रकार टाटा संस द्वारा कुल लगभग 750 करोड़ रुपये का सम्भावित व्यय अपने सीएसआर फण्ड से भारतीय मन्दिर संग्रहालय के विकास के लिए किया जायेगा।

25 एकड़ जमीन टाटा को दी जाएगी

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि मंदिर संग्रहालय में भारतीय संस्कृति के उद्गम से लेकर आधुनिक संस्कृति तक के बारे में एक जगह पर जानकारी होगी। इसमें वेद, रामायण, मंदिर-पूजा पद्धति से जुड़ी प्रामाणिक चीजें, उनके उद्भव, संस्कृति, इसके लाभ आदि के बारे में विस्तृत तरीके से जानकारी उपलब्ध होगी। इसमें जहां पौराणिक जानकारी होगी, वहीं उनका आधुनिक वर्जन भी होगा। उन्होंने बताया कि राम की पैड़ी से गुप्तार घाट के पास इसके लिए 25 एकड़ जमीन टाटा को दी जाएगी।

संग्रहालय बनने से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

अयोध्या में एक विश्वस्तरीय मन्दिर संग्रहालय के निर्माण से अयोध्या सहित प्रदेश के अन्य स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। टाटा संस की प्रतिष्ठा, प्रवीणता एवं सीएसआर फण्ड द्वारा मन्दिर संग्रहालय की स्थापना एवं संचालन किये जाने की प्रदर्शित इच्छा से प्रदेश सरकार के बजट में होने वाली बचत तथा प्रदेश में राजस्व एवं रोजगार के नये अवसरों के सृजन के दृष्टिगत उक्त प्रस्ताव जनहित में ग्राह्य किया जाना उपयुक्त है।

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