लखनऊ । इंसानियत और रिश्तों को झकझोर देने वाला यह हृदयविदारक मामला यूपी की राजधानी लखनऊ के चिनहट थाना क्षेत्र के सेमरा गांव का है, जहां मां-बेटी के रिश्ते को प्रेम की बजाय क्रूरता और अपराध ने शर्मसार कर दिया। जिस मां ने नौ माह पेट में रखा, लालन-पालन कर बड़ा किया, हर सुख-दुख में साथ दिया,आज उसी बेटी ने अपनी सगी मां की गला रेतकर नृशंस हत्या कर दी। यह हत्या कोई हादसा नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश का परिणाम है, जिसमें बेटी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर ऐसा वीभत्स कांड कर डाला, जिसने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है।
घटना की जानकारी और शुरुआती जांच
रविवार रात चिनहट के सेमरा गांव से पुलिस को सूचना मिली कि एक महिला की गला रेतकर हत्या कर दी गई है। मौके पर पहुंची पुलिस को घर के भीतर 40 वर्षीय ऊषा सिंह पत्नी स्व. योगेन्द्र सिंह का शव खून से लथपथ हालत में बेड पर पड़ा मिला। उनका गला किसी धारदार वस्तु से रेता गया था और शव के चारों ओर खून फैला हुआ था। मौके पर पहुंची फोरेंसिक टीम ने तत्काल साक्ष्य संकलित किए, वहीं पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस ने घटना स्थल की जांच में भांप लिया पूरा मामला
पहली नजर में मामला लूटपाट और संभवतः दुष्कर्म जैसा दिखाने की कोशिश की गई थी, क्योंकि मृतका के कपड़े अस्त-व्यस्त स्थिति में थे और कमरे में सामान भी बिखरा हुआ था। लेकिन जब पुलिस ने बारीकी से जांच शुरू की और परिजनों से पूछताछ की, तो जो हकीकत सामने आई उसने सभी को झकझोर कर रख दिया। पुलिस को भी एक बार विश्वास नहीं हो पा रहा था कि अपना खून ही ऐसा कर सकती है। फिलहाल पुलिस ने जो सोचा वहीं बाद में खुलकर सामने आ गया।
भाई ने बेटी और उसके प्रेमी पर लगाए संगीन आरोप
मृतका ऊषा सिंह के भाई रवि सिंह ने पुलिस को दी गई तहरीर में इस पूरे कांड के पीछे अपनी ही भांजी यानी मृतका की बेटी लकी और उसके प्रेमी शाहिद का हाथ बताया। रवि सिंह के अनुसार, उनकी बहन ऊषा सिंह ऑडिट भवन में हाउसकीपिंग का काम करती थीं। घटना की रातलकी ने खुद उन्हें फोन कर बताया कि किसी ने उसकी मां की हत्या कर दी है।
रवि घर पहुंचा और पूरा मंजर देखकर रह गए सन्न
रवि जब बहन के घर पहुंचे, तो वहां का मंजर देखकर सन्न रह गए। उनकी बहन खून से सनी बेड पर पड़ी थीं और गर्दन बुरी तरह से कटी हुई थी। उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचना दी।रवि ने बताया कि उनकी भांजी लकी का पिछले दो वर्षों से पड़ोस में रहने वाले युवक शाहिद के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था। वर्ष 2024 में शाहिद लकी को भगा ले गया था, जिसके बाद ऊषा सिंह ने चिनहट थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने लकी को सकुशल बरामद किया और शाहिद को जेल भेज दिया गया। लेकिन जेल से छूटने के बाद शाहिद लगातार ऊषा को जान से मारने की धमकी देता रहा।
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हत्या की खौफनाक साजिश, बेटी ने खुद दी मां को मौत
पुलिस ने जब लकी से सख्ती से पूछताछ की तो पूरा सच सामने आ गया। बेटी ने स्वीकार किया कि उसने अपने प्रेमी शाहिद को रात में घर बुलाया और मां की हत्या की योजना को अंजाम दिया। पूछताछ में सामने आया कि दोनों ने पहले ऊषा के गले में कपड़ा कसकर दबाया, फिर शीशी तोड़कर गर्दन रेत दी। इतना ही नहीं, हत्या के बाद शव के कपड़े उतार दिए गए ताकि यह लगे कि किसी बाहरी व्यक्ति ने लूटपाट या दुष्कर्म के इरादे से महिला की हत्या की है।
बेटी ने मां की हत्या की कहानी मामा और पड़ोसी को बताई
हत्या के बाद लकी ने रोते हुए बाहर आकर अपने मामा रवि और पड़ोसियों को बताया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसकी मां की हत्या कर दी है। शुरू में पुलिस को भी यही लगा, लेकिन पूछताछ के दौरान लकी की बातों में विरोधाभास नजर आया। जब कड़ाई से सवाल किए गए, तो उसने जुर्म कबूल कर लिया।
पुलिस का बयान और कार्रवाई
डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि मृतका के भाई की तहरीर पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने लकी और शाहिद को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। चार टीमें बनाई गई हैं जो इस पूरे मामले की तह तक जाने और साक्ष्य एकत्र करने में जुटी हैं। डीसीपी ने यह भी बताया कि आरोपी शाहिद, आदर्श नगर का रहने वाला है और ऊषा सिंह के घर से महज कुछ दूरी पर रहता है। यह बात भी स्पष्ट हो गई है कि यह पूरी योजना पहले से बनाई गई थी।
एक मां का टूटा सपना, बेटी ही बनी काल
ऊषा सिंह के पति का कुछ साल पहले निधन हो चुका था। वे अकेली अपनी इकलौती बेटी लकी के साथ रहती थीं। उनका कोई बेटा नहीं था, और लकी ही उनके जीवन का केंद्र थी। उन्होंने उसे हर सुख सुविधा दी, पढ़ाया-लिखाया, और एक बेहतर भविष्य का सपना देखा। लेकिन उन्हें क्या पता था कि जिसकी हर ख्वाहिश पूरी की, वह ही उनकी सबसे बड़ी दुश्मन बन जाएगी।यह वाकया न केवल दुखद है, बल्कि रिश्तों के पतन की एक दर्दनाक मिसाल है। समाज में बेटी को देवी का दर्जा दिया जाता है, लेकिन जब वही बेटी अंधे प्रेम में अंधी होकर अपनी मां की हत्या कर दे, तो वह सिर्फ एक अपराध नहीं होता, वह सामाजिक मूल्यों और संस्कारों की भी हत्या होती है।
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पड़ोसियों की प्रतिक्रिया: ‘घोर कलयुग है ये’
घटना के बाद सेमरा गांव और आस-पास के क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। पड़ोसी और जानने वाले स्तब्ध हैं कि लकी जैसी शांत लड़की इस हद तक जा सकती है। एक पड़ोसी ने कहा—“ये तो घोर कलयुग है। एक बेटी अपनी मां की जान ले लेगी, यह तो सोचा भी नहीं जा सकता।”एक अन्य बुजुर्ग महिला प्रमिला ने कहा—“ऊषा बहुत मेहनती और सीधे स्वभाव की महिला थीं। उन्होंने अकेले दम पर बेटी को पाला, और आज उसी बेटी ने उनके गले पर छुरी चला दी। इससे बड़ा पाप और क्या होगा।”
न्याय की उम्मीद और समाज के लिए चेतावनी
यह मामला सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि हमारे समाज के सामने खड़े हो रहे खतरों का भी संकेत है। बदलती मानसिकता, सोशल मीडिया और बिना समझ के रिश्तों में पड़ना, और फिर किसी भी हद तक चले जाना—यह सब समाज के ताने-बाने को तोड़ने का काम कर रहे हैं।पुलिस जांच पूरी होने के बाद आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होगी, लेकिन जो मां हमेशा के लिए दुनिया से चली गई, उसका क्या? जो भरोसा, जो ममता, जो सपने एक मां ने अपनी बेटी के लिए देखे थे, वो सब एक ही रात में खत्म हो गए।
सेमरा हत्याकांड ने मां-बेटी के रिश्ते पर एक गहरा सवाल खड़ा कर दिया
अब समाज को यह सोचना होगा कि किस दिशा में जा रहे हैं हम? क्या हमारी शिक्षा, संस्कार और जागरूकता इतनी कमजोर हो चुकी है कि एक बेटी अंधे प्रेम में अपनी मां की हत्या कर दे? यह सवाल केवल लकी और शाहिद तक सीमित नहीं, यह हर उस घर तक पहुंचता है जहां बच्चों को सही और गलत का फर्क बताने में देर हो रही है।सेमरा हत्याकांड ने मां-बेटी के रिश्ते पर एक गहरा सवाल खड़ा कर दिया है। यह घटना एक चेतावनी है, एक पीड़ा है, और एक अपराध की कहानी नहीं, बल्कि सामाजिक और नैतिक पतन की दस्तक है।
हत्यारों को कानून बख्शेगा नहीं
अब देखना यह है कि कानून कैसे इस बेटी और उसके प्रेमी को उनके अपराध की सजा दिलाता है, और समाज इससे क्या सबक लेता है। ऊषा सिंह को तो अब कभी इंसाफ का चेहरा देखने को नहीं मिलेगा, लेकिन उम्मीद की जा सकती है कि उनके हत्यारों को कानून बख्शेगा नहीं।