महाकुंभ नगर। पंचाक्षरी मंत्र की अनुगूंज, मधुर भजन स्वर लहरी, हर-हर गंगे और हर-हर महादेव के जयघोष के मध्य महाकुंभ के पहले अमृत (शाही) स्नान पर अखाड़ों और नागा संन्यासियों की अवधूती शान से मंगलवार को संगम पर सनातनी आस्था का वैभव मुखर हो उठा। उमंग-उत्साह के बीच बैरागी अखाड़ों के वैराग्य का रंग और नागा संन्यासियों का आकर्षण अलग अलौकिक आध्यात्म की अनुभूति करा रहा था। यह दृश्य है संगम के घाटों का, जहां महाकुंभ का पहला अमृत स्नान मंगलवार सुबह 6.15 बजे से चल रहा है।
आकड़ों को मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किया साझा
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, शाम 6 बजे तक साढ़े तीन करोड़ श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर इस बाबत जानकारी साझा किया। हालात संभालने के लिए आर्मी को भी स्टैंड बाई पर रखा गया है। सभी 13 अखाड़ों के संत स्नान कर चुके हैं। महाकुंभ में पहली बार शाही स्नान की जगह अमृत स्नान शब्द का इस्तेमाल किया गया। अखाड़ों ने नाम बदलने का प्रस्ताव दिया था।

सबसे पहले श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी ने किया स्नान
संगम में पवित्र डुबकी लगाने वाला पहला अखाड़ा श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी अखाड़ा था। श्री शम्भू पंचायती अटल अखाड़े ने महानिर्वाणी अखाड़े के साथ अमृत स्नान किया। महानिर्वाणी अखाड़े ने 5.15 पर शिविर से प्रस्थान किया और निश्चित समय 6.15 पर संगम घाट पहुंचा। श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी अखाड़े के आचार्य रवीन्द्र पुरी जी महाराज एवं श्री महन्त यमुना पुरी जी महाराज की अगुवाई में अमृत स्नान किया। इनके साथ ही श्री शम्भू पंचायती अटल अखाड़े ने भी आचार्य सत्यम गिरी महाराज और महंन्त बलराम भारती गिरी की अगुवाई में शाही स्नान किया। सुबह 6 बजकर 15 मिनट से शुरू हुआ अखाड़ों का अमृत स्नान शाम 4.30 बजे तक जारी रहा।
दूसरे स्थान पर श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा
अमृत स्नान में दूसरे स्थान पर श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा एवं श्री पंचायती अखाड़ा आनन्द के साधु-संतों ने पवित्र स्नान किया। तीसरे स्थान पर तीन संन्यासी अखाड़े श्री पंचदशनाम जूना एवं श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा और श्री पंचाग्नि अखाड़े ने स्नान किया। तीन बैरागी अखाड़ों में सबसे पहले अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा, अखिल भारतीय श्री पंच दिगम्बर अनी अखाड़ा, अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंतो और साधु संतों ने अमृत स्नान किया। तीन उदासीन अखाड़ों में श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा, इसके बाद श्री पंचायती अखाड़ा, नया उदासीन, निर्वाण के सतों ने अमृत स्नान किया। अंत में श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा के महंतों और साधु संतों ने अमृत स्नान किया। स्नान के लिए सभी 13 अखाड़ों को अलग-अलग 30-40 मिनट का समय दिया गया।

संगम नोज पर हर घंटे तीन लाख लोगों ने किया स्नान
पहले अमृत स्नान के दिन पवित्र संगम में शैव और वैष्णव मतों को मानने वाले साधु महंतों के अलावा लाखों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई, लेकिन घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उम्मीद से ज्यादा रही। मेला प्रशासन की उम्मीद से बढ़कर श्रद्धालु महाकुंभ में पुण्य का भागी बनने आये। सर्वाधिक लोगों ने संगम नोज पर ही स्नान को प्राथमिकता दी। देर रात से ही संगम नोज पर भीड़ जुटने लगी। अनुमान के मुताबिक यहां हर घंटे तीन लाख से ज्यादा लोगों ने स्नान किया। संगम जाने वाले सभी मार्गों में 8 से 10 किमी लंबी श्रद्धालुओं की भीड़ है। दुनियाभर का मीडिया और 50 से ज्यादा देशों के श्रद्धालु संगम पर मौजूद हैं।
रेल ट्रैफिक की भी मॉनिटरिंग हो रही:डीजीपी
सुरक्षा के चाकचौबंद बंदोबस्तउत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि महाकुम्भ का आज दूसरा स्नान है। मकर संक्रांति का स्नान अमृत स्नान है। दोपहर एक बजे तक 1.75 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान कर लिया था। जनसैलाब लगातार आ ही रहा है। महत्वपूर्ण सड़क मार्ग पर पुलिस की समुचित व्यवस्था की गई है। रेल ट्रैफिक की भी मॉनिटरिंग हो रही है। साथ ही साथ घाटों की व्यवस्था भी सुदृढ़ की गई है। नवीन टेक्नोलॉजी के माध्यम से देर रात से ही भीड़ नियंत्रण की मॉनीटरिंग कर रहे हैं।
थर्मल इमेजिंग के हिसाब से क्राउड कंट्रोल किया गया
रात में थर्मल इमेजिंग के हिसाब से क्राउड कंट्रोल किया गया तो दिन में टीथर्ड ड्रोन एवं सीसीटीवी कैमरे के विजुअल से ट्रैफिक व वाहन आदि को मॉनिटर कर रहे हैं।दिनभर होती रही खोया पाया की घोषणा मेला प्रशाासन ने लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए महाकुंभ मेला क्षेत्र में दस अत्याधुनिक डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए हैं। पहले अमृत स्नान के दिन दिनभर लाउडस्पीकर से खोया पाया की घोषणा होती रही।
कुल 308 लोगों को उनके परिवार से मिलाया
मेला क्षेत्र में स्वयंसेवी संस्थाओं हेमवती नंदन बहुगुणा समिति एवं भारत सेवा दल द्वारा संचालित भूले भटके लोगों के लिए चलाए जा रहे केंद्रों में प्रथम अमृत स्नान के दिन कुल 308 लोगों को उनके परिवार से मिलाया गया।महाकुंभ में तीन अमृत स्नानमहाकुंभ के दौरान कुल छह स्नान आयोजित होंगे, जिनमें से तीन स्नान अमृत (शाही) स्नान होंगे, जिन्हें अखाड़े विशेष रूप से करते हैं। पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति के दिन हुआ, दूसरा मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी को और तीसरा वसंत पंचमी के दिन 3 फरवरी को होगा।

त्रिवेणी तट पर नागा साधु बने आकर्षण का केंद्र
महाकुम्भ 2025 के प्रथम अमृत स्नान के दौरान नागा साधुओं का अद्भुत प्रदर्शन श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना। त्रिवेणी तट पर इन साधुओं की पारंपरिक और अद्वितीय गतिविधियों ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। अमृत स्नान के लिए ज्यादातर अखाड़ों का नेतृत्व कर रहे इन नागा साधुओं का अनुशासन और उनका पारंपरिक शस्त्र कौशल देखने लायक था। कभी डमरू बजाते हुए तो कभी भाले और तलवारें लहराते हुए, इन साधुओं ने युद्ध कला का अद्भुत प्रदर्शन किया। लाठियां भांजते और अठखेलियां करते हुए ये साधु अपनी परंपरा और जोश का प्रदर्शन कर रहे थे।
किन्नर अखाड़े ने समाज कल्याण की कामना कर किया अमृत स्नान

महाकुम्भ 2025 के पहले अमृत स्नान के पावन अवसर पर किन्नर अखाड़ा आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में किन्नर अखाड़े के सभी सदस्यों ने दोपहर में संगम नोज पहुंचकर अमृत स्नान किया। महासंक्रांति के पर्व पर किन्नर अखाड़े ने समाज के कल्याण और उन्नति की कामना की।
हर हर महादेव के जयघोष के साथ आगे बढ़े साधु
किन्नर अखाड़े के सदस्य हर हर महादेव का नारे लगाते हुए संगम की ओर बढ़े। बीच में छत्र के नीचे आचार्य महामंडलेश्वर चल रहे थे और उनके साथ अखाड़े के अन्य महामंडलेश्वर उपस्थित थे। इस दौरान किन्नर अखाड़े के साधु पारंपरिक शस्त्रों का प्रदर्शन कर रहे थे। तलवारें लहराते हुए और जयघोष करते हुए उन्होंने अमृत स्नान का शुभारंभ किया।
समाज कल्याण के लिए विशेष प्रार्थना
किन्नर अखाड़े की सदस्य राम्या नारायण गिरी ने बताया कि अमृत स्नान के अवसर पर प्रत्येक सदस्य ने भारतवासियों की सुख-समृद्धि और देश के कल्याण की कामना की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ का यह पर्व न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि समाज के प्रति सकारात्मक संदेश देने का भी एक माध्यम है।
शस्त्र प्रदर्शन और उत्साह का माहौल
किन्नर अखाड़े के सदस्य शस्त्रों के साथ अपनी परंपराओं का अद्भुत प्रदर्शन करते नजर आए। तलवारों और अन्य शस्त्रों को लहराते हुए उन्होंने अपनी शक्ति और परंपरा का परिचय दिया। जयघोष और हर हर महादेव के नारों के बीच पूरा माहौल उत्साह और आस्था से भर गया। किन्नर अखाड़े के इस आयोजन ने महाकुम्भ 2025 में एक विशेष छवि प्रस्तुत की। उनके संदेश ने यह स्पष्ट किया कि समाज के हर वर्ग का उत्थान और कल्याण भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।

संगम पर स्नान करते हुए जनता का विराट रूप देखा- उमा भारती
मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुम्भ 2025 में शामिल करोड़ों श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। महाकुम्भ में करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ और योगी सरकार द्वारा की गई बेहतरीन व्यवस्थाओं से अभिभूत पूर्व सांसद साध्वी उमा भारती ने इसे अपने लौकिक जीवन का सबसे अनूठा क्षण बताया। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “प्रभु श्रीकृष्ण का जैसा विराट रूप अर्जुन ने देखा, वैसा ही जनता जनार्दन का विराट रूप संगम पर स्नान करते हुए मैंने देखा।”
उत्सव भारत की सनातन धर्म की परंपरा में है : मुख्यमंत्री योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्सव भारत की सनातन धर्म की परंपरा में है। मकर संक्रांति के अवसर पर सनातन धर्मावलंबी भगवान सूर्य की आराधना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने मकर संक्रांति के अवसर पर पूरे प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने संतों, श्रद्धालुजनों और भक्तों को मकर संक्रांति की बधाई दी है।