लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा के आखिरी दिन सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किये गये थे। इसी क्रम में पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार तेलीबाग के रामलाल मैकू इंटर कॉलेज पहुंचे। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मुझे लगता है कि देश और विश्व की सबसे बड़ी पुलिस की परीक्षा है, जिसको सकुशल संपन्न कराने में हम लोग सफल हुए हैं।
डीजीपी ने कहा कि जैसा की सरकार का संकल्प है कि कोई भी भर्ती सुचितापूर्ण तरीके से संपन्न हो और सिर्फ मेधावी छात्र ही स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के बाद विभिन्न नौकरियों में लिए जाएं। जिससे कि जनता की सेवा अधिक से अधिक की जा सकें।
आने वाले एक साल में हम कुल एक लाख लोग विभाग में लेंगें
आपने कल खुद ही देखा होगा कि कितना बड़ा कार्यक्रम, कितना बड़ा इन्वेस्टमेंट विभिन्न देश और विदेश की कंपनियों द्वारा किया गया है।इसके पीछे सरकार की जो पॉलिसी है तथा बेहतर कानून व्यवस्था का जो एक मॉडल दिया गया है उसी के तहत यह कार्रवाई हो रही है।
उसी क्रम में जो बच्चे अभी पारदर्शी प्रक्रिया के तहत आ रहे हैं वो जनता की, समाज और विभाग की सेवा अगले 40 साल तक करेंगे। अभी की भर्ती 60 हजार से कुछ अधिक की है। आने वाले एक साल में हम कुल एक लाख लोग विभाग में लेंगें। ट्रेनिंग अगर हम पूरा कर ले तो अगले डेढ़ से दो साल के भीतर हम एक से अधिक मेधावी कॉस्टेबली हमारे पास उपलब्ध रहेगी, जो लम्बे समय तक देश की सेवा करेगी।
नकल माफियाओं पर नकेल कसने के लिए एसटीएफ लगातार कर रही काम
डीजीपी ने कहा कि एक अन्तर विभागीय समन्वय के साथ बेहतर व्यवस्था का परिणाम है कि भर्ती में उत्तर प्रदेश का मॉडल आज देश के सामने है। सभी लोग संतुष्ट हैं, यह टीम वर्क का प्रतिफल है जो इस तरह के परिणाम आ रहे हैं ।नकल माफियाओं पर नकेल कसने के लिए एसटीएफ और सिविल पुलिस की टीम लगातार काम कर रही है। एक टीम भावना के साथ हर विभाग के लोगों ने साथ देकर यह काम किया है जो फलस्वरूप अच्छे परिणाम दिख रहे हैं।
शुक्रवार को 13 लोगों को किया गया था गिरफ्तार
डीजीपी मुख्यालय के मुताबिक शुक्रवार को परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का प्रयोग करने और दूसरे की जगह परीक्षा देने का प्रयास करने वाले 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया। सहारनपुर में सर्वाधिक 4 अभ्यर्थी पकड़े गए, जिनमें राजस्थान के धौलपुर निवासी जितेंद्र सिंह, बागपत निवासी प्रभात तोमर, मेरठ निवासी प्रशांत किशोर और बुलंदशहर निवासी सतीश शामिल है।
चारों फर्जी दस्तावेज बनाकर परीक्षा में शामिल होने की जुगत में थे। इसके अलावा मेरठ से 3 अभ्यर्थी मुरादाबाद निवासी प्रशांत कुमार, बिजनौर निवासी रणवीर सिंह और प्रवेंद्र सिंह को फर्जी दस्तावेजों के जरिए परीक्षा देने के प्रयास के दौरान पकड़ा गया है।
पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ 11 मुकदमे भी दर्ज किए गए
वहीं फतेहपुर में औरैया निवासी ऋषि कुमार को दो अलग-अलग आधार कार्ड मिलने पर गिरफ्तार कर लिया गया। एटा में आगरा निवासी अतुल भदौरिया को अपने भाई नितिन के स्थान पर परीक्षा देते हुए और फिरोजाबाद निवासी अजय कुमार को फर्जी दस्तावेज बनाकर वास्तविक अभ्यर्थी अमित कुमार के स्थान पर परीक्षा देते हुए पकड़ा गया।
जौनपुर में मऊ निवासी अभय मद्धेशिया को आधार कार्ड और प्रवेश पत्र में अलग-अलग जन्मतिथि होने तथा फतेहपुर निवासी रागवेंद्र प्रताप वर्मा को अभ्यर्थी वीरेंद्र कुमार के स्थान पर परीक्षा देते हुए पकड़ा गया है। कानपुर में मैनपुरी निवासी प्रदीप कुमार को फर्जी दस्तावेज मिलने पर गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ 11 मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं।