लखनऊ । मंगलवार को अपोलोमेडिक्स सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल तथा यातायात पुलिस लखनऊ के सहयोग से ‘‘संजीवनी’’ पहल के अंतर्गत सीपीआर वर्कशॉप में 100 से अधिक यातायात पुलिस के जवानों को प्रशिक्षण दिया गया। इस पहल का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं या अन्य आपातकालीन स्थितियों में पीड़ितों की जान बचाने के लिए पुलिसकर्मियों को जीवनरक्षक कौशल से लैस करना है।

इस अवसर पर कमलेश कुमार दीक्षित पुलिस उपायुक्त, यातायात, अजय कुमार अपर पुलिस उपायुक्त यातायात, इंद्रपाल सिंह सहायक पुलिस आयुक्त, शिवाजी सिंह सहायक पुलिस आयुक्त यातायात, सुबोध कुमार जायसवाल सहायक पुलिस आयुक्त यातायात और जेएन अस्थाना सहायक पुलिस आयुक्त यातायात मौजूद रहे।

सीपीआर की उपयोगिता के बारे में विस्तार से दी गई जानकारी

अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल के सीईओ एवं एमडी डॉ मयंक सोमानी ने कहा, सड़क दुर्घटना और आपात स्थिति में यदि तुरंत सीपीआर प्रदान किया जाता है, तो यह किसी की जान बचा सकता है। सीपीआर एक सरल तकनीक है जिसे कोई भी सीख सकता है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपातकालीन स्थिति में इसका उपयोग कैसे किया जाए।’’ वर्कशॉप में डा. अजय कुमार, एमडी, इन्टर्नल मेडिसीन द्वारा यातायात पुलिस के जवानों को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) की बुनियादी बातें सिखाईं। जिसमें छाती संपीड़न और बचाव के लिए सांसें देना भी शामिल है।

जवानों को फिट रहने के लिए बताया गया जरूरी व्यायाम

सीपीआर एक जीवन रक्षक तकनीक है जिसका उपयोग हृदय गति रुकने पर किसी व्यक्ति की जान बचाने के लिए किया जाता है। चूंकि यातायात पुलिस के जवान अक्सर मेडिकल इमरजेंसी के पहले उत्तरदाता होते हैं, इसलिए उनके लिए सीपीआर प्रशिक्षण प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। इससे यह भी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को समय पर और प्रभावी ढंग से प्राथमिक चिकित्सा मिल सके।

वर्कशॉप के अन्त में डा. यगोश द्वारा यातायात पुलिस के जवानों को फिट रहने के लिए जरूरी व्यायाम के बारे में जानकारी दी गयी। पुलिस उपायुक्त, यातायात द्वारा वर्कशॉप में यातायात पुलिस के जवानों को सीखायी गई तकनीकों के लिए अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल का आभार व्यक्त किया।

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