लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ व इसके आसपास रहने वाले सावधान हो जाएं। क्योंकि राजधानी के काकोरी ब्लाक के एक गांव में लकड़बग्घे ने एक किसान को हमला करके घायल कर चुका है। सोमवार को वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो एक खेत में लकड़बग्घे के पैर के निशान भी मिले। जिसके बाद से वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों से रात के समय में सर्तक रहने के लिए कहा है। वन विभाग की माने तो यह रात में बीस से पचीस किलोमीटर चलता है। ऐसे में राजधानी में रहने वाले लोगों को भी रात में सावधान रहने की जरूरत है।

नरौना गांव में एक किसान पर कर चुका है हमला


उप प्रभागीय वनाधिकारी हरी लाल ने बताया कि रविवार को कोकोरी ब्लाक के नरौना गांव में एक किसान शाम के समय अपने गेंदा के खेत में फूल तोड़ रहा था। इस दौरान जगली जानवर ने उस पर हमला कर दिया। जिसमें किसान घायल हो गए और भागकर किसी तरह से अपनी जान बचाई। ग्रामीणों ने रात में लाठी डंडे लेकर तलाश शुरू की लेकिन जंगली जानवर का पता नहीं चल पाया।

सूचना पर स्थानीय पुलिस व वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और घायल किसान को देखा। हरी लाल ने बताया कि किसान के शरीर पर जो निशान पंजे के दिखे उसे देखने के बाद पता चला कि यह निशान तेंदुआ का नहीं था। पंजे का निशान लकड़बग्घे का मिला। इसके बाद वन विभाग की टीम ग्रामीणों को सर्तक करके वापस लौट आई। टीम द्वारा घायल व्यक्ति से मुलाकात व बातचीत की गई, जो प्राथमिक उपचार के बाद स्वस्थ है।  

काकोरी ब्लाक में पैर के मिले निशान


सोमवार को वन विभाग की टीम सुबह गांव पहुंची और आसपास के खेतों को जायजा लिया तो उसके पैर के निशान मिले। जिससे स्पष्ट हो गया कि  किसान पर हमला करने वाला तेंदुआ ने लकड़बग्घा ही था। जिसकी पुष्टि खुद क्षेत्रीय वन अधिकारी ने की। उन्होंने बताया कि खेत में जो पगमार्क बना है वह लकड़बग्घा के ही हैं। उप प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि लकड़बग्घा, कभी-कभी अकेले बैठे व्यक्ति पर अचानक से हमला कर आंशिक रूप से घायल कर देता है। यह रात में बीस से पचीस किलोमीटर तक चलता है। दिन में यह किसी झाड़ी में छिपा रहता है और जैसे ही शाम होता है लकड़बग्घा निकल देता है।

इंसान का एक बार मुंह में खून लगने से बन जाते हैं आदमखोर

वैसे तो तेंदुआ, लकड़बग्घा, सियार मरे जानवरों को खाते है। वैसे तो इंसान पर हमला बहुत कम करते है लेकिन अगर इंसान पर हमला करने के दौरान खून उनके मुंह में लग गया तो फिर वह खूंखार हो जाते है और इंसान पर ही हमला करना शुरू कर देते है। चूंकि इंसान का खून नमकीन होता है। इसलिए खून मुंह में लगने के बाद फिर इंसान को ज्यादा पसंद करने लगते है।

ग्रामीणों को सतर्क कर दिया गया है कि रात में समय बाहर न निकले जब तक लकड़बग्घा पकड़ में नहीं आ जाता है। लखनऊ रेंज की टीम द्वारा लकड़बग्घा को सुरक्षित रेस्क्यू करने के  लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। हालांकि अगर किसी को कहीं लकड़बग्घा दिखाई दे तो तुरंत इन नंबरों पर 9838016560, 7839434892 पर सम्पर्क किया जा सकता है। 

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