मध्य प्रदेश के इंदौर में बेलेश्वर महादेव मंदिर में गुरुवार को रामनवमी की पूजा के दौरान हुए हादसे में अब तक 35 लोगों की जान जा चुकी है।28 लोगों के शव बावड़ी से निकाले गए हैं, वहीं तीन लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ा है। मृतकों में 18 महिलाएं और लड़कियां हैं।

मलबे में दबे बाकी लोगों की तलाश जारी

अभी भी बावड़ी के मलबे में दबे बाकी लोगों की तलाश जारी है। कई लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।अधिकारियों ने बताया कि मंदिर के संकरी जगह में बने होने के कारण बचाव कार्य में बाधा आई। इस दौरान मंदिर की एक दीवार तोड़ कर पाइप इसके भीतर डाला गया और बावड़ी का पानी मोटर से खींचकर बाहर निकाला गया। हादसे की जानकारी मिलने के बाद महू से तीन अलग-अलग टीमों में आर्मी और एनडीआरएफ के करीब 140 जवान मौके पर मौजूद रहे और उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन किया। गुरुवार देर रात करीब 13 शव और निकाले गए थे। इससे पहले 11 शव निकाले गए थे।

हादसे पर राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने जताया दुख

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदौर हादसे पर दुख जताया। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से बात कर हालात की जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि इंदौर में हुए हादसे से बेहद दुखी हूं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बात की और ताजा स्थिति की जानकारी ली। दु:ख की इस घड़ी में हम सब शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। पीएमओ ने एक ट्वीट में कहा कि प्रत्येक मृतक के परिजन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये दिए जाएंगे। घायलों को पचास-पचास हजार रुपए दिए जाएंगे।

बावड़ी के ऊपर डले स्लैब पर हो रही थी पूजा

बता दें कि मंदिर के अंदर स्थित बावड़ी के ऊपर डले स्लैब पर बैठकर पूजा कर रहे थे। इस दौरान स्लैब अचानक से धंस गया। इससे 30 से ज्यादा लोग बावड़ी में गिर पड़े। बावड़ी करीब 40 फीट गहरी है। उसमें 4 से 5 फिट तक पानी भरा हुआ था। घटना की सूचना पाकर पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से रस्सियों के सहारे कुएं से लोगों को निकालने को कोशिश की। कुएं से करीब 18 घायलों को निकाला गया। इस हादसे में अब तक 35 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं घायल हुए लोगों में से दो लोगों की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हुई।

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