लखनऊ । विभिन्न मुकदमों में वांछित चौदह साल से फरार चले रहे पचास हजार के इनामी बदमाश को एसटीएफ ने पटना बिहार से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम राजकुमार पाण्डेय पुत्र कमलदीप पाण्डेय निवासी मजरिया थाना छपरा बिहार है। इसके कब्जे से एक आधार कार्ड और एक मोबाइल फोन बरामद किया है।

एसटीएफ को काफी दिनों से थी तलाश

विगत काफी दिनों से उत्तर प्रदेश के जनपदों में वांछित पुरस्कार घोषित अपराधियों के सक्रिय होकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिये जाने की सूचनायें प्राप्त हो रहीं थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न टीमों व इकाईयों को अभिसूचना संकलन एवं कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया था। । इसी क्रम में राज कुमार मिश्रा, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ फील्ड इकाई, गौतमबुद्धनगर के निर्देशन में उप निरीक्षक अवध नारायण चौधरी एवं उप निरीक्षक दीपक कुमार के नेतृत्व में एसटीएफ फील्ड इकाई, नोएडा की टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्रवाई की जा रही थी।

बिहार से एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

एसटीएफ नोएडा की टीम को ज्ञात हुआ कि थाना मुरादनगर, जनपद गाजियाबाद में विभिन्न मुकदमों दर्ज सीआरपीसी के अभियोग में वांछित पचास हजार हजार का पुरस्कार घोषित अपराधी राजकुमार पाण्डेय, पटना बिहार की बुद्वा कालोनी में मकान संख्या 100/1 में रहता है। इस सूचना को विकसित करने के उपरान्त एसटीएफ की टीम द्वारा थाना बुद्वा कालोनी, जनपद पटना बिहार पुलिस को अवगत कराते हुए, साथ लेकर पुरस्कार घोषित अभियुक्त राजकुमार पाण्डेय को उपरोक्त स्थल से समय करीब 18.40 बजे गिरफ्तार कर लिया गया ।

दवा की दुकान नहीं चली तो खरीदने बेचने लगा चोरी की गाड़ियां

गिरफ्तार अभियुक्त राजकुमार पाण्डेय ने पूछताछ पर बताया कि उसकी उम्र लगभग 52 साल है और उसने स्नातक की पढ़ाई की है। बताया कि पढ़ाई के उपरान्त उसने वर्श 2001 से 2005 तक दवाईयों को बेचने का काम किया था। इसके बाद उसने बिहार मेडिकल हॉल के नाम से दवाईयों की अपनी दुकान पटना में खोली थी परन्तु दुकान अच्छी नहीं चल रही थी।

उसी दौरान अभियुक्त राजकुमार पाण्डेय की मुलाकात नगद नारायण पुत्र राम सिंह निवासी, छपरा बिहार से हुई थी, जो उसका दूर का रिश्तेदार था, जिसके माध्यम से अभियुक्त राजकुमार पाण्डेय की मुलाकात जनपद लखनऊ के रहने वाले कर्नल एमपी सिंह से हुई थी, जो चोरी की गाड़ियों को खरीदने-बेचने का काम करता था। इसके बाद अभियुक्त राजकुमार पाण्डेय ने नगद नारायण के साथ मिलकर चोरी की गाड़ियों को खरीदने एवं बेचने का काम करना शुरू कर दिया ।

साल 2010 में चोरी की गाड़ियों के साथ पकड़ा गया था

साल 2009 में थाना कालकाजी, दिल्ली पुलिस द्वारा अभियुक्त राजकुमार पाण्डेय को चोरी की गाड़ियों की खरीद-फरोख्त के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जिसके सम्बन्ध में राजकुमार पाण्डेय के विरूद्व थाना कालकाजी दिल्ली में अभियोग पंजीकृत हुआ। इस अभियोग में जमानत पर छूटने के उपरान्त राजकुमार ने नगद नारायण के साथ मिलकर गाजियाबाद के मुरादनगर क्षेत्र में अपराधिक घटना करने लगा।

साल 2010 में नगद नारायण चोरी की गाड़ी के साथ पकड़ा गया था तथा अभियुक्त राजकुमार पाण्डेय भाग गया था। तभी से अभियुक्त राजकुमार पाण्डेय थाना मुरादनगर गाजियाबाद के उक्त अभियोग में फरार चल रहा था, जिसकी गिरफ्तारी पर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, (अपराध/मुख्यालय) गाजियाबाद के स्तर से रूपया 50,000/ का पुरस्कार घोषित किया गया था । गिरफ्तार अभियुक्त राजकुमार पाण्डेय को थाना मुरादनगर में मुकदमा दर्ज कराया गया है।

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