मीरजापुर। मीरजापुर लोकसभा सीट पर मुस्लिम एवं यादव मतों के ध्रुवीकरण के बाद समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रमेशचंद बिंद पर एनडीए गठबंधन की अपना दल (एस) प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल भारी पड़ीं। जहां उन्हें 470866 वोट मिले, वहीं सपा को 433286, जबकि बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार मनीष कुमार त्रिपाठी को 144039 मत मिले। अनुप्रिया ने 37 हजार 580 वोट से सपा को पराजित किया।

अनुप्रिया पटेल ने 37580 वोट से सपा को किया पराजित

मीरजापुर के लोकसभा इतिहास में तीन बार चुनाव में कोई भी उम्मीदवार जीत नहीं दर्ज कर सका है। कुछ सांसदों ने दो बार चुनाव में जीत दर्ज जरूर किए, लेकिन तीसरी बार जीत दर्ज कर अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल ने हैट्रिक लगाकर नया कीर्तिमान रच दिया।आजादी के बाद 1952 में हुए चुनाव में पहली बार जॉन एल विल्सन सांसद बने। 1957 में भी उन्हें दोबारा जीत मिली। 1962 में हुए चुनाव में सीट से श्यामधर मिश्र ने जीत हासिल की। 1967 के चुनाव में जनसंघ का प्रभाव बढ़ गया और वंशनारायण सिंह को जीत मिली। 1971 में यहां से कांग्रेस ने वापसी की और अजीज इमाम जीते।

आपातकाल के खत्मे के बाद देशभर में जनता पार्टी की आंधी चली

आपातकाल के खत्मे के बाद देशभर में जनता पार्टी की आंधी चली। 1977 में जनता पार्टी के फ़क़ीर अली अंसारी चुनाव जीतकर सांसद बने। 1980 में कांग्रेस (आई) से अजीज इमाम दोबारा सांसद बने। फिर हुए उप चुनाव में उमाकांत मिश्र सांसद बने। 1984 के चुनाव में उमाकांत मिश्र दोबारा सांसद बने। वीपी सिंह की हवा में जनता दल के यूसुफ बेग सांसद चुने गए। इसके बाद देशभर में राम मंदिर को लेकर आंदोलन तेज हुआ। भाजपा के वीरेंद्र सिंह चुनाव में जीत मिली।

1996 में सपा के टिकट पर दस्यु सुन्दरी फूलन देवी को जीत मिली

1996 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर दस्यु सुन्दरी फूलन देवी को जीत मिली। दो वर्ष बाद फिर हुए उपचुनाव में वीरेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की। 1999 के चुनाव में फिर फूलन देवी की आंधी चली और उन्हें जबरदस्त समर्थन मिला। 2002 में यहां से रामरति बिंद सांसद बने। बसपा के उदय होने के बाद 2004 में लोगों का रुझान बसपा की ओर बढ़ा तो उनके उम्मीदवार नरेंद्र कुशवाहा चुनाव जीत गए। 2007 में हुए चुनाव में रमेश दुबे तो 2009 में हुए चुनाव में बाल कुमार पटेल को लोगों ने अपना सांसद चुना।

मीरजापुर की सियासत में 2014 में अनुप्रिया की हुई एंट्री

मीरजापुर की सियासत में 2014 में अनुप्रिया पटेल की एंट्री हुई। देश में चल रही मोदी लहर में एनडीए गठबंधन से पहली बार चुनाव में उन्हें जीत मिली। मोदी कैबिनेट में उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री मंत्री बनाया गया। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में दोबारा एनडीए गठबंधन से चुनाव जीतकर सांसद बनी। जहां पुनः उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री बनाया गया। 10 सालों तक लगातार सांसद बने रहने के बाद तीसरी 2024 में अनुप्रिया हैट्रिक लगाने में कामयाब हुई और हैट्रिक लगाने वाली पहली सांसद बनी।

कार्यकर्ताओं ने बांटी खुशियां ढोल नगाड़े से गूंजा कार्यालय

अनुप्रिया पटेल की जीत को लेकर कार्यकर्ताओं में जबदस्त उत्साह दिखाई दे रहा था। अपना दल एस के भरूहना स्थित केन्द्रीय कार्यालय पर जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा था। ढोल नगाड़ों के साथ कार्यकर्ता जश्न में डूबे, ढोल नगाड़ों पर झूम रहें थे। समर्थक, एक दूसरे को बधाई दे रहें हैं। इस प्रकार से देखा जाए तो अनुप्रिया पटेल लगातर तीसरी बार जितने वाली पहली सांसद बनी हैं। कुल 37580 वोटो से अनुप्रिया पटेल ने हैट्रिक लगाते हुए अपनी जीत दर्ज कराई है।

मिर्जापुर की जनता का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करती हूँ : अनुप्रिया

जीत का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के पश्चात अनुप्रिया पटेल ने कहा- यह प्रमाण पत्र भाजपा, अपना दल और एनडीए के सभी साथी दलों के कार्यकर्ताओं को समर्पित है। उन सभी कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम का यह प्रमाण पत्र है। मिर्जापुर की जनता का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करती हूँ कि मिर्जापुर की बेटी मिर्जापुर के दिल में बसती है। आज इस प्रमाण पत्र से उन्होंने इस बात को तीसरी बार कहा है। मुझे तीसरी बार आशीर्वाद देने के लिए मिर्जापुर के मतदाताओं का दिल से आभार और देश के मतदाताओं का एनडीए गठबंधन को हैट्रिक लगाने के लिए दिल से आभार और बहुत बहुत धन्यवाद।

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