लखनऊ । यूपी में पड़ रही भीषण गर्मी और लू के चलते लोगों की मौत होने शुरू हो गई है। पिछले तीन दिन के आकड़ों पर गैर गिया जा जाए तो यूपी में लू व गर्मी से मरने वालों के आकड़े चौकाने वाले है। करीब तीन सौ के आसपास लोगों की मौत गर्मी व लू से हो चुकी है। इसका अंदाजा शमशान घाटों पर एक बाद एक लगातार जलती चिताओं को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है।

लगातार गर्मी व लू से हो रही मौतों को देखने के बाद एक बार फिर लोगों को कोरोना की दूसरी लहर के भयावह मंजर याद आने लगे है। मतगणना के एक दिन पहले व मतगणना के दिन मिलाकर 33 चुनाव कर्मियों, लखनऊ में पीएसी जवान समेत पांच की जान गर्मी व लू के चलते चली गई। लगातार हो रही मौतों को देखते हुए सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है। पुलिस कर्मियों के लिए भी पुलिस महानिदेशक की तरफ से भी दिशा निर्देश जारी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग भी लगातार लू को लेकर सावधान कर रहा है।

लखनऊ में दाह संस्कार की संख्या हुई दोगुनी

गर्मी का प्रकोप बढ़ते ही श्मशाम घाटों पर दाह संस्कार की संख्या करीब दोगुनी हो गई है। भैंसाकुंड पर इन दिनों रोजाना 40-42 और गुलालाघाट पर 30-35 दाह संस्कार हो रहे हैं। इनमें बिजली से होने वाले दाह संस्कारों की संख्या शामिल है। भैंसाकुंड श्मशाम घाट पर पहले रोजाना 15 से 20 अंत्येष्टियां होती थीं। अब यह संख्या 40 से 42 तक पहुंच गई है। सेवादा गिरिजाशंकर व्यास बाबा ने यह जानकारी दी। ठाकुरगंज स्थित गुलाला घाट में पांच दिनों से अचानक शवों की संख्या बढ़ी है। सेवादार वीरेंद्र पांडे ने बताया कि रोजाना 30 से 35 शव आ रहे हैं। पहले यह संख्या 15-20 ही थी।

कानपुर में मौतों का लगातार बढ़ता जा रहा आकड़ा

भीषण गर्मी में मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। घाटों और कब्रिस्तानों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार रविवार को जिले में 238 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। घाटों पर चिताएं रखने के लिए जगह कम पड़ जा रही है। टिनशेड के नीचे जगह न मिलने पर खुली धूप में गंगा किनारे शवों को जलाया जा रहा है। शनिवार को भी ऐसे ही मंजर देखने को मिले थे। इस दिन 180 शवों का अंतिम संस्कार हुआ था। भैरोघाट और भगवतदास घाट में पंडों, कर्मियों की शिफ्टों में ड्यूटी लगाई गई। ताकि किसी को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।

झूंसी में हर दिन 70 से 80 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा

प्रयागराज के अकेले झूंसी स्थित छतनाग घाट पर इन दिनों रोजाना 70 से 80 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। एक साथ इतनी चिताओं को जलाने के लिए लकड़ी तक कम पड़ जा रही है। ऐसे में आसपास के इलाकों से श्मशान घाट पर लकड़ी मंगाई जा रही है। झूंसी में गंगातट के किनारे इन दिनों कोरोना काल जैसे हालात दिखाई दे रहे हैं।

कोरोना जब अपनी चरम पर था, तब यहां रोजाना 50 से 60 शवों का अंतिम संस्कार होता था लेकिन इस वक्त हालात कोरोना काल से भी भयावह हो गए हैं। पिछले चार दिनों में यहां 200 से 250 शवों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। अभी यह सिलसिला जारी है।

वाराणसी में शवदाह के आने वालों की संख्या में पांच गुना का इजाफा

भीषण गर्मी, तपिश और लू से वाराणसी, आजमगढ़ और मिर्जापुर मंडल के नौ जिलों में शुक्रवार को 74 लोगों की मौत हो गई। इनमें 20 मतदान कार्मिक और होमगार्ड हैं। सब सातवें चरण का चुनाव कराने के लिए पोलिंग पार्टियों के साथ जाने की तैयारी कर रहे थे। अकेले मिर्जापुर में ही आठ होमगार्ड सहित 24 लोगों की मौत हुई है।

यह सिलसिला अभी भी जारी है। यही वजह है कि वाराणसी के महाश्मशान मणिकर्णिका पर शवदाह के लिए महाजाम की स्थिति बन गई है। घाट से लेकर गलियों तक शवयात्रियों की भीड़ लगी हुई है। पिछले तीन दिनों में तापमान बढ़ने के बाद शवदाह के लिए आने वालों की संख्या में पांच गुना का इजाफा हुआ है। हालांकि अब यूपी के कई जिलों में आंधी व बारिश होने से गर्मी से थोड़ी राहत मिली है।

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