लखनऊ । यूपी में मानव तस्करी और भिक्षावृत्त का रैकेट चलाने वाले असामाजिक तत्वों की अब खैर नहीं है। चूंकि ऐसे तत्वों के खिलाफ पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी। चूंकि डीजीपी यूपी प्रशांत कुमार ने ऐसे आपराधिक तत्वों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिये है। पुलिस महानिदेशक ने इस बाबत मातहतों को जारी निर्देश में कहा कि अक्सर चौराहों पर गाड़ियों के शीशे साफ करने और छोटी सामग्रियों को बेचने का प्रयास किया जाता है। कई प्रकरणों में सामने आया है कि संगठित रूप से बच्चों का अपहरण कर उनको भिक्षावृत्ति जैसे कामों में लगाया जाता है।
ऐसी घटनाओं वाले स्थानों को किया जाए चिन्हित
डीजीपी ने कहा कि मानव तस्करी और बच्चों के अपहरण जैसी घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए अनावरण, गिरफ्तारी और बरामदगी की जाए। राजपत्रित अधिकारियों के नेतृत्व में पूछताछ की रिपोर्ट तैयार की जाए, ताकि ऐसी घटनाओं के तरीकों, मनी ट्रेल, गैंग आदि के बारे में जानकारी मिल सके। ऐसी घटनाओं वाले हॉट स्पॉट को चिह्नित कर सीसीटीवी लगाए जाएं। ताकि एेसे अराजकत्वों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
बाल भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए जनमानस को भी किया जाए जागरूक
उन्होंने कहा कि बीते 10 साल में हुईं घटनाओं के पैटर्न का विश्लेषण किया जाए। बाल भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड लाइन, गैर सरकारी संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं आदि से सहयोग लेने के साथ जनमानस को भी जागरूक किया जाए। भिक्षावृत्ति को रोकने में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकृत स्वयंसेवी संस्थाओं और व्यक्तियों को सम्मानित किया जाए। चूंकि यूपी में मानव तस्करी और भिक्षावृत्ति को लेकर योगी सरकार काफी गंभीर हो चली है। इसलिए यूपी पुलिस इसे रोकने को लेकर गंभीर हो चली है।