लखनऊ । सवर्ण आर्मी परशुराम जयंती नेहरू एनक्लेव गोमती नगर में मनाया।सवर्ण आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सर्वेश पांडेय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। जिनके साथ राष्ट्रीय महासचिव ठाकुर शिवम सिंह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गोपालजी पांडेय रहे। सभी का माला पहना कर स्वागत सवर्ण आर्मी के प्रदेश महासचिव सूरज प्रसाद चौबे ने किया।

भगवान परशुराम को फूल माला चढ़ाकर उपस्थित लोगों के बीच बोलते हुए सवर्ण आर्मी चीफ सर्वेश पांडेय ने कहा कि भगवान विष्णु के 10 अवतार में से एक है महाभारत पुराणों में दर्ज है।परशुराम का जन्म ब्राह्मण ऋषि में हुआ था पिता जमदग्नि और राजकुमारी रेणुका क्षत्रिय थी।चार युगों में से तीन युगों में परशुराम का जिक्र है।

जन्म के समय उनका नाम राम था भगवान शिव के परम भक्त थे

जन्म के समय उनका नाम राम था भगवान शिव के परम भक्त थे तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने दिव्य शास्त्र दिए जिसमे परसू भी था तभी से उनका नाम परशुराम हो गया । ठाकुर शिवम सिंह ने कहा कि भगवान परशुराम सदैव ही न्याय के लिए जाने जाते है महान पराक्रमी योद्धा थे तपस्वी थे ।

सवर्ण आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गोपालजी पांडेय ने कहा की एक बार भगवान परशुराम भगवान शिव के दर्शन करने कैलाश पर्वत गए। जहां पर शिव के पुत्र गणेश जी ने उन्हे रोका तो उनका एक दात तोड़ दिए सवर्ण आर्मी के प्रदेश महासचिव सूरज प्रसाद चौबे ने कहा की भगवान शिव के शिष्य महान पराक्रमी योद्धा भगवान परशुराम अन्य लोगों के लिए जिनका महत्व नहीं रहा।

उन लोगों के लिए लड़ाई लड़ी क्यों की वह एक ऋषि थे वह जानते थे की डिक्टेटर लोगों को आम लोगों के जीवन का महत्व नहीं समझते है। वह उनकी जिम्मेदारी स्वतः ही उठाए आम जन मानस की लड़ाई लड़ी। हम सभी का कर्तव्य है कि अपने समाज के लिए हमें खुद ही आगे आ कर लड़ाई मजबूती से लड़नी होगी। क्योंकि आप का महत्व कोई नहीं समझ रहा है । आज पूरे देश में भगवान परशुराम जयंती सवर्ण आर्मी माना रही है ।

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