लखनऊ । नवरात्र में मां दुर्गा के पूजन और उनकी उपासना का विशेष महत्व है। नवरात्रि पूजन वैज्ञानिक रुप से भी बहुत लाभकारी माना गया है। नवरात्र में मां दुर्गा की नौ रुपों की पूजा की जाती है। ज्योतिषियों के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि शुरू होती है। इस साल प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल की रात्रि लगभग 11 बजकर 51 मिनट से शुरू हो जाएगी। लेकिन उदया तिथि की मान्यता अनुसार चैत्र नवरात्रि का आरंभ 9 अप्रैल को ही होगा। इस दिन कलश स्थापना के साथ शक्ति आराधना प्रारंभ होगी। जबकि नवरात्रि का समापन 17 अप्रैल को कन्यापूजन और भंडारों के साथ रामनवमी के अवसर होगा।

माता का घोड़े पर सवार होकर आना शुभ संकेत नहीं

नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार को हो रही है। इसलिए माता इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी। माता की सवारी के अनुसार नवसंवत्सर के बारे में आकलन किया जाता है। 9 अप्रैल से नवरात्रि की शुरुआत के साथ ही हिन्दू नवसंवत्सर 2081 की भी शुरुआत हो होगी। हालांकि माता का घोड़े पर सवार होकर आना शुभ संकेत नहीं माना जाता। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब भी माता घोड़े पर सवार होकर आता है तो सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। घोड़े की तीव्रता, युद्ध आदि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए जब भी माता की सवारी घोड़ा होता है तो राजनीति गलियारों में हलचल देखने को मिलती।

कोई बड़ा राजनीतिक परिवर्तन की बढ़ी संभावना

देश- दुनिया में जंग आसार बन सकते हैं और कोई बड़ा राजनीतिक परिवर्तन भी देखने को मिल सकता है। मतलब साफ है 2023 जैसा ही सबकुछ होने वाला है। यूक्रेन और रुस के बीच स्थितियां गंभीर होती गई वहीं इजरायल और हमास के बीच भी जंग देखी गई। इसका असर पूरी दुनिया पर देखने को मिला। इस तरह साल 2024 में भी हालात देखते को मिल सकते हैं। कुछ देशों के बीच शीत युद्ध जैसे हालात बन सकते हैं। वहीं जंग की स्थितियां भी बन सकती है। इसके साथ ही घोड़े पर माता का सवार होकर आना प्राकृतिक आपदा का भी कारण बन सकता है।

प्राकृतिक आपदाओं के आसार

भारत के जरिए से देखा जाए तो सता पक्ष और विपक्ष के बीच गहमागहमी बढ़ेगी और छोटी राजनीति दल राजनीति में बड़ा परिवर्तन लेकर आ सकते हैं। यानी आने वाले संवतार में क‌ई सामाजिक और राजनीतिक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। राजनीति उथल-पुथल और प्राकृतिक आपदाओं के कारण आम जनता को भी दिक्कतों का सामना इस साल करना पड़ सकता है। हालांकि परेशान होने की जरूरत नहीं है मां घोड़े पर जरूर आएगी लेकिन कृपा बरसेगी।

नवरात्र में खरमास का साया

नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की विशेष पूजा करने का विधान है। साथ ही सुख और शांति के लिए व्रत भी किया जाता है। पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्र की शुरुआत 9 अप्रैल से होगी और खरमास का समापन 13 अप्रैल को होगा। चैत्र नवरात्र के शुरुआत के पांच दिनों तक खरमास का साया रहेगा। ऐसे में 9 अप्रैल से लेकर 13 अप्रैल तक मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी। खरमास के समापन के बाद मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।

लाल चुनरी चढ़ा कर दूर होते हैं दुःख

स्वंय शिव जी ने भी मां सिद्धिदात्री की कृपा से 9 सिद्धियों को प्राप्त की थी। मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि के आखिरी दिन माता रानी को लाल चुनरी चढ़ाने से सारे दुख, दर्द, दोष दूर हो जाते हैं।इस दिन हवन करने से नवरात्रि का पूजन सफल हो जाता है।साथ ही कन्या पूजन से देवी प्रसन्न होती है।

चैत्र नवरात्रि की नवमी पर राम जन्मोत्सव

शारदीय और चैत्र नवरात्रि दोनों में ही नवमी तिथि का श्रीराम से गहरा संबंध बताया गया है। शारदीय नवरात्रि की नवमी पर भगवान राम ने रावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्ति की थी। चैत्र नवरात्रि की महानवमी पर राजा दशरथ के घर पुरुष अवतार लेकर श्रीराम ने जन्म लिया था।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *