लखनऊ । यूपी के झांसी जिले में एक अजीबो गरीब मामला प्रकाश में आया है। जिसे जानने के बाद आप भी अपनी हंसी रोक नहीं पाएंगे और कहेंगे कि ऐसा भी हो सकता है। यहां पर एक दुल्हन के कारनामे की खूब चर्चा हो रही है। हुआ यूं कि शादी समारोह में दुल्हा आने में देरी कर दिया तो दुल्हन ने अपनी जीजा से ही शादी रचा डाली। यह भेद जब शादी समारोह खत्म हो गया तब जाकर खुला।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत की जा रही थी शादी
बता दें की झांसी के पॉलिटेक्निक मैदान पर मंगलवार को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सामूहिक विवाह समारोह चल रहा था। जिसमें एक जोड़ा कुछ संदिग्ध दिख रहा था। इसका कारण था लड़के और लड़की की उम्र में बड़ा अंतर। जब जानकारी इकट्ठा की गई तो पता चला कि झांसी के बामौर निवासी खुशी की शादी छतरपुर मध्यप्रदेश के बृषभान के साथ तय हुई थी। समारोह में उनका रजिस्ट्रेशन नम्बर 36 पर किया गया था। विवाह समारोह में जब दूल्हा वृषभान नहीं पहुंचा तो खुशी की शादी उसके जीजा दिनेश से हो गयी।
शादी के बाद दुल्हन ने मिटाया सिंधूर, तब खुला राज
इस मामले में अब जब दिनेश पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि विभाग के कुछ लोगों के कहने पर वह दूल्हे की जगह बैठा था। खुशी ने भी कहा कि दूल्हा नहीं पहुंचा तो उसे कुछ तो करना ही था सो उसने अपने ही जीजा से शादी कर ली। समारोह में मौजूद लोगों ने अब यह कहना शुरू कर दिया कि विवाह योजना के तहत मिलने वाले सामान के लालच में यह शादी की गयी है। शादी समारोह खत्म होने के बाद जब दुल्हन ने सिंदूर मिटा दिया तब यह राज खुला कि दुल्हा नहीं पहुंचा तो पैसा पाने के लिए जीजा से शादी कर लिया।
विभाग के मंत्री ने जांच करने के लिए दिया आदेश
समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव ने बताया कि हर व्यक्ति का आधार कार्ड चेक करने के बाद ही उन्हें शादी में बैठने के लिए अनुमति मिलती है। जीजा-साली की शादी के मामले में उन्होंने कहा कि अगर कोई शिकायत प्राप्त होगी तो जांच की जाएगी।इस प्रकरण में समाज कल्याण विभाग के राज्य सलाहकार समिति के सदस्य चौधरी संतराम पेंटर ने कहा कि मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह योजना में झांसी में कई अनियमितताओं का मामला संज्ञान में आया है। इस संबंध में विभाग के मंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया जायेगा।