सम्भल । संभल लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के देश के सबसे वयोवृद्ध सांसद डॉ शफीकुर्रहमान बर्क का बीमारी के चलते 94 वर्ष की उम्र में मुरादाबाद के निजी अस्पताल में हुआ निधन।कुछ दिन पहले उनसे सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मुलाकात की थी। सांसद के निधन की जानकारी मिलते ही क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। उनके निधन पर अखिलेश यादव ने दुख व्यक्त किया है। बताया जा रहा है कि बुधवार को उनको सुपुर्देखाक किया जाएगा।नमाज़ ए जनाजा सुबह 10 बजे होगी। अपने प्रिय नेता डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क का शव घर पहुंच गया है। उनके अंतिम दर्शनों को उमड़े हजारों समर्थक और शुभचिंतक उमड़ पड़े है।

चार बार विधायक और पांच बार रहे सांसद

बता दें कि एक माह पहले अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें मुरादाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सांसद के पोते जियाउर्रहमान बर्क ने बताया कि उनके 93 वर्षीय दादा की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद उन्हें मुरादाबाद के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उनकी हालत में कुछ सुधार हुआ था। मंगलवार सुबह उन्हें आईसीयू में ले जाया गया। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। चार बार विधायक रहने के बाद 2019 में पांचवीं बार संभल से सांसद चुने गए। उम्र और अनुभव में देश के सबसे वरिष्ठ राजनेता रहे। अपने सियासी तेवरों के कारण उनकी अलग पहचान रही है।

उनका सियासी सफर 60 वर्ष से भी ज्यादा का था

वह बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक रह चुके थे। मुस्लिमों के मुद्दों को उठाने और वंदेमातरम पर अपने बयानों को लेकर सियासत में चर्चित रहे डा. शफीकुर्रहमान बर्क सपा की सियासत में बड़ा चेहरा बनकर उभरे थे। उनका सियासी सफर 60 वर्ष से भी ज्यादा का था।वह 1967 में संभल विधानसभा से पहला चुनाव लड़े लेकिन कामयाब नहीं हो सके थे। उन्हें विधानसभा के चुनाव में पहली कामयाबी 1974 में मिली थी। वह बीकेडी से विधायक चुने गए। इसके बाद 1977 में जनता पार्टी और 1985 में लोकदल, 1989 में जनता दल से विधायक बने।

मुलायम की सरकार में रहे होमगार्ड विभाग के मंत्री

एक बार मुलायम सिंह यादव की सरकार में होमगार्ड विभाग के मंत्री भी रहे। संसद में उन्होंने 1996 में कदम रखा। जनता दल के टिकट पर वर्ष 1996 के चुनाव में मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए। इसके बाद वर्ष 1998 और 2004 में मुरादाबाद संसदीय सीट से सपा के सांसद चुने गए। जबकि 2009 में संभल लोकसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े और चौथी बार सांसद चुने गए। वर्ष 2014 का लोकसभा चुनाव उन्होंने सपा से लड़ा था पर मामूली अंतर से हार गए थे। वर्ष 2019 में सपा-बसपा-रालोद के गठबंधन से चुनाव जीते और पांचवीं बार सांसद चुने गए। 

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