भदोही । कालीन नगरी में कम बारिश के बाद भी ठंड की आमद भी जबरदस्त हुई है। ऐसे में खरीफ में हुए नुकसान की भरपाई की रबी फसलों से बेहतर मुनाफे से किसान आस लगाए बैठे है। हालांकि इधर कुछ दिनों से चल रही पछुआ बयार के कारण सुबह व शाम कोहरा संग पाले का असर देखा जा रहा है। आलू सरसों व कुछ सब्जियों के लिए नुकसानदेह है। इसे लेकर अन्नदाताओं को सतर्क रहना होगा।
जिला कृषि वैज्ञानिक सर्वेश कुमार बरनवाल ने बताया कि अच्छी ठंड गेहूं समेत सभी रबी फसलों के लिए जरूरी होती है। लेकिन कई दिनों तक कोहरा व पाला पड़ने पर नुकसान हो सकता है। पाला सुबह व शाम को देखा जा रहा है। आलू व सरसों मटर की निगरानी सुबह व शाम करने की बात कही। कहा कि पाला से आलू की पर्ती में धब्बे लगने से वह सूखने लगते हैं।
सरसों में माहो का खतरा अधिक हो जाता है। जिससे दाना नहीं पड़ता और उत्पादन प्रभावित हो जाएगा। कहा कि पाल का असर आलू में नजर आने पर काबेडाजिम दवा, हाइथेनेम -45 कापर आक्सीक्लोरइड में से कोई एक दवा ढ़ाई ग्राम व कीटनाशक से बचाव को मोनोक्रोटोफास या रोगार दवा ढ़ाई मिली प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। फसलों पर सल्फर का छिड़काव फायदेमंद है।