लखनऊ । मशहूर शायर मुनव्वर राना का निधन हो गया है। रविवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। उन्होंने 71 साल की उम्र में लखनऊ में अंतिम सांस ली। राना पिछले कई दिनों से लखनऊ के पीजीआई में भर्ती थे। उन्हें लंबे समय से किडनी की बीमारी थी। मौत की खबर से रायबरेली में शोक की लहर है। पिछले दो साल से उनकी किडनी खराब होने के कारण डायलिसिस चल रही थी। साथ ही उनके फेफड़ों की गंभीर बीमारी के चलते काफी परेशान थे।
पीजीआई में चल रहा था उनका उपचार
नौ जनवरी को मुनव्वर राना की हालत खराब होने पर उन्हें पीजीआई के आईसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया था। उनकी बेटी सुमैया राणा ने मौत की पुष्ठि की। मुनव्वर राणा के मौत की खबर जैसे ही उनके जानने वालों ने सुनी तो शोक की लहर दौड़ गई। अब उनका अंतिम संस्कार आज रायबरेली में किया जाएगा। उनके परिवार में उनकी पत्नी, चार बेटियां और एक बेटा है।
कई सालों से चल रहा था डायलिसिस
जानकारी के लिए बता दें कि मुनव्वर राना का पिछले कई सालों से डायलिसिस चल रहा था। वर्ष 2017 में भी उनके सीने में दर्द की शिकायत होने पर तब उन्हें लखनऊ के एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था। किडनी की समस्याओं के चलते उनका इलाज दिल्ली से चल रहा था। इनका जन्म 26 नवंबर 1952 को रायबरेली में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। मुनव्वर राना का बचपन कोलकाता में बीता और वहीं के स्कूल से शिक्षा प्राप्त की थी। कोलकाता के मुनव्वर को लखनऊ शहर पसंद आया।
मां पर लिखी शायरियों को लेकर काफी मशहूर थे
साल 2014 में उन्हें भारत सरकार द्वारा उर्दू साहित्य के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। हालांकि साल 2015 में असहिष्णुता बढ़ने के नाम पर अवॉर्ड वापस कर दिया था। उनका विवादों से पुराना नाता रहा। मुनव्वर राना मां पर लिखी शायरियों को लेकर काफी मशहूर थे।माना जाता है कि मां के लिए शेर लिखने में उनको कोई मात नहीं दे सका।मुनव्वर उर्दू के शायर थे, लेकिन वे अपनी शेरों में अवधी और हिंदी शब्दों का प्रयोग प्रमुखता से करते थे, जिस कारण उन्हें भारतीय लोगों की लोकप्रियता मिली।