वैश्विक महामारी कोरोना के दो साल बाद गोरखनाथ मंदिर Gorakhnath Temple में मकर संक्रांति के पावन पर्व पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। गोरक्षपीठ में मकर संक्रांति में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की वजह से इस बार एटीएस के सुरक्षा घेरे में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ Chief Minister Yogi Adityanath ने ब्रह्म मुहूर्त में भोर में 4 बजे बाबा गोरखनाथ की विशेष पूजा-अर्चना के बाद खिचड़ी चढ़ाई। परंपरागत रूप से नेपाल नरेश की पहली खिचड़ी चढ़ाने की सदियों से चली आ रही परंपरा के निर्वहन के बाद मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इसके बाद श्रद्धालु जयकारे के साथ बाबा गोरखनाथ Gorakhnath को खिचड़ी चढ़ाने के लिए आने लगे। मुख्यद्वार से लेकर मंदिर तक श्रद्धालुओं द्वारा बाबा गोरखनाथ के जयकारे से गुंजायमान हो गया। इस बार श्रद्धालुओं की आस्था भी बाबा गोरखनाथ के दरबार में जमकर उमड़ी। इस बीच भीड़ को संयमित और नियंत्रित करने के लिए एटीएस के साथ पुलिस और पीएसी के जवान और मंदिर प्रशासन लगा रहा।

इस अवसर पर गोरक्षपीठ के महंत और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ Chief Minister Yogi Adityanathने देश और प्रदेश की जनता को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि ये जगत पिता सूर्य की उपासना का पर्व है। इस सराचर जगत में जहां भी जीव सृष्टि है, जगत पिता सूर्य के कारण है। उनकी उपासना का पर्व होने के नाते जीवंतता आए। एक उमंग और उल्लास‍ के साथ अपनी दिनचर्या को लोग आगे बढ़ा सकें। इसकी शुभकामनाएं देता हूं। देश में इस पर्व का अलग उल्लास है, ये पर्व पूरब में बिहु, पश्चिम में लोहड़ी, उत्तर में मकर संक्राति को खिचड़ी और तिलुआ संक्राति और दक्षिण में पोंगल के रूप में मनाते हैं।

जब बात उत्तर भारत की आती है, तो यहां खिचड़ी बाबा गोरखनाथ Gorakhnath को चढ़ाने की परंपरा है। भारत के अलग-अलग राज्यों के साथ बिहार और नेपाल से भी श्रद्धालु लाखों की संख्या में यहां पर खिचड़ी चढ़ाने के लिए आते हैं। सीएम ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि सूर्य का अयनवृत्‍त 12 बराबर राशियों में विभाजित है। एक राशि से दूसरी राशि में सूर्य का संक्रमण संक्राति कहलाता है। मेरा सौभाग्य है कि ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजे मुझे बाबा गोरखनाथ Gorakhnath Temple को खिचड़ी चढ़ाने का अवसर प्राप्त हुआ है। वैश्विक महामारी कोरोना के दो साल बाद इस बार लाखों की संख्या में श्रद्धालु खिचड़ी चढ़ाने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर एक माह का खिचड़ी का मेला लगा हुआ है। लोग यहां पर आएं और गोरखनाथ Gorakhnathबाबा को पर्व के उल्लास के खिचड़ी चढ़ाएं। जब यही संक्रांति धनु राशि से मकर राशि में होता है, तो यही पावन ति‍थि और मुहूर्त मकर संक्राति कहलाती है।

गोरखनाथ बाबा के दरबार में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू

गोरखनाथ बाबा Gorakhnath Temple के दरबार में श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। गोरखपुर Gorakhnath और आसपास के श्रद्धालु रात से ही मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने के लिए लाइन लगाना शुरू कर दिए। मंदिर में खिचड़ी चढ़ाने वालों की आ रही भीड़ को देखते हुए पूरे शहर में यातायात परिवर्तन किए गए हैं। शहर और मंदिर के चप्पे-चप्पे पर एटीएस, पुलिस-पीएसी और पैरामिलिट्री के जवानों की तैनाती की गई है। पुलिस व प्रशासनिक आला-अफसर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं। मंदिर के मुख्य द्वारा से गर्भ गृह तक श्रद्धालुओं को जाने के लिए बेरिकेडिंग कर पांच रास्ते बनाए गए हैं।

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